कौन हैं तुलसी गबार्ड? ट्रंप कैबिनेट में हुई शामिल, मार्को रुबियो को भी मिली अहम जिम्मेदारी

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी कैबिनेट में प्रमुख पदों पर कई नामों की घोषणा की है. ट्रंप ने फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो को राज्य सचिव, कांग्रेसी मैट गेट्ज़ को अटॉर्नी जनरल और तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) के रूप में नामित किया है.

Deeksha Parmar
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद अब जल्द ही नई सरकार का गठन होगा. चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप अपनी खास टीम बनाने में लगे हैं जिसमें कई नामित चेहरे को जिम्मेदारी दी है. इस बीच ट्रंप ने अपने कैबिनेट में तुलसी गबार्ड को खास जगह दी है. ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी है.

हालाँकि उन्हें खुफिया उद्योग में कोई विशेष अनुभव नहीं है, लेकिन तुलसी गबार्ड एक अनुभवी हैं जिन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक अमेरिकी सेना में सेवा की है. उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रतिनिधित्व किया और 2013 से 2021 तक हवाई के दूसरे जिले के लिए कांग्रेस वुमन के रूप में कार्य किया.

कौन हैं तुलसी गबार्ड

तुलसी गबार्ड एक अमेरिकी राजनेता और सैन्य अधिकारी हैं, जो पहली हिंदू अमेरिकी कांग्रेस सदस्य के रूप में पहचानी जाती हैं. उनका जन्म 1981 में हुआ और वह हवाई राज्य से चार बार कांग्रेस की सदस्य रह चुकी हैं. तुलसी गबार्ड ने अपने करियर की शुरुआत 21 वर्ष की उम्र में हवाई राज्य प्रतिनिधि सभा में की थी, जहां वह सबसे कम उम्र की महिला विधायक बनीं. 9/11 हमले के बाद, उन्होंने अमेरिकी सेना में भर्ती होकर इराक और मध्य पूर्व के अन्य क्षेत्रों में सेवा दी. 

तुलसी गबार्ड की तारीफ में क्या बोले ट्रंप

डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बयान में कहा, "डेमोक्रेट राष्ट्रपति पद के लिए पूर्व उम्मीदवार के रूप में, उन्हें दोनों पार्टियों में व्यापक समर्थन प्राप्त है. अब वह एक गौरवान्वित रिपब्लिकन हैं!" उन्होंने आगे कहा, "मुझे पता है कि तुलसी अपने शानदार करियर को परिभाषित करने वाली निडर भावना को हमारे खुफिया समुदाय में लाएगी, हमारे संवैधानिक अधिकारों की वकालत करेगी और ताकत के माध्यम से शांति सुनिश्चित करेगी. तुलसी हम सभी को गौरवान्वित करेगी!"

खुद को हिंदू मानती हैं तुलसी गबार्ड

तुलसी गबार्ड को अक्सर उनके पहले नाम की वजह से भारतीय समझ लिया जाता है, लेकिन उनका भारत से कोई संबंध नहीं है. गबार्ड की मां ने हिंदू धर्म अपना लिया था और अपने सभी बच्चों के नाम हिंदू रखे थे. तुलसी गबार्ड भी खुद को हिंदू मानती हैं और वह पहली हिंदू अमेरिकी कांग्रेस वुमन थीं. हालांकि वह अमेरिकी समोआ मूल की हैं, लेकिन तुलसी ने भगवद गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली थी.

बता दें कि 2020 में, गबार्ड ने कमला हैरिस के खिलाफ डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की दावेदारी की, जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी पर युद्धों का विरोध न करने का आरोप लगाया. बाद में वह दौड़ से बाहर हो गईं और अंततः 2022 में पार्टी छोड़ दी, यह कहते हुए कि इसमें "युद्धोन्मादियों के अभिजात्य गुट" और "जागृत" विचारकों का वर्चस्व है.

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14 November 2024, 07:58 AM IST

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