Hamas Chief Ismail Haniyeh: पूर्व फ़िलिस्तीनी प्रधानमंत्री और हमास चीफ इस्माइल ईरान में मारा गया है. हमास ने मौत की पुष्टि की और दावा किया कि इस्माइल को यहूदी एजेंटों द्वारा निशाना बनाया गया था जो बदला लेना चाहते थे. ईरानी मीडिया के मुताबिक हमास के चीफ इस्माइल पर तेहरान में उनके आवास पर उस समय हमला किया गया, जब वह ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद अल-माबिकियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए ईरान में थे. ईरान राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में 70 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
बीबीसी में छपी में रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी मीडिया ने कहा कि तेहरान में हमास नेता इस्माइल के आवास को एक गाइडेड मिसाइल से निशाना बनाया गया. इस्माइल की मौत पर हमास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमास के मुखिया पर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाएगी. हमास के वरिष्ठ प्रवक्ता सामी अबू ज़हरी ने कहा है कि इस्माइल को मारकर इज़राइल अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाएगा और अब कब्जे वाले येरुशलम को आज़ाद कराने के लिए 'खुली जंग' शुरू होगी. हमास इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है.
इजरायल से जारी इस जंग में हमास चीफ को खुद की जान देने से पहले भी काफी कुछ कुर्बान करना पड़ा है. इजरायल ने ईद उल फित्र पर भी हमले जारी रखे थे. इजरायल ने गाजा के कब्जे वाले फिलिस्तीनी इलाके में हवाई हमले में हमास के प्रमुख इस्माइल के 3 बेटों और 4 पोते-पोतियों को भी मार डाला था. अरब मीडिया के मुताबिक इजरायली विमानों ने उत्तर-पश्चिमी गाजा में शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया. हमले में हमास नेता इस्माइल के 3 बेटे और 3 पोते और एक पोती की जान चली गई थी. अल जज़ीरा के साथ एक इंटरव्यू में खुद इस्माइल ने इसकी पुष्टि की थी. इस्माइल को अपने बेटों और पोते-पोतियों की मौत की खबर तब मिली जब वह खुद गाजा से कतर लाए गए जख्मियों को देखने के लिए अस्पताल में मौजूद था. उसने अपने बेटों की मौत की खबर बहुत तसल्ली से सुनी और कहा कि मेरे बेटे गाजा में हमारे लोगों के साथ रहे और उन्होंने इलाका नहीं छोड़ा. आज़ादी की जंग में कुर्बानी के अलावा कुछ नहीं है.
इसके बाद जून के आखिरी हफ्ते में एक और हमले में हमास चीफ इस्माइल की बहन समेत 10 लोगों रिश्तेदारों को मौत का सामना करना पड़ा. एक विदेशी समाचार एजेंसी के मुताबिक 25 जून को गाजा में तीन इजरायली हवाई हमलों में हमास नेता इस्माइल की बहन समेत 24 लोग मारे गए थे. इजरायल दो हवाई हमले गाजा शहर के दो स्कूलों पर किए गए, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई. जबकि तीसरा हमला कैंप पर किया गया, इस हमले में 10 लोगों की मौत हुई थी. इस हमले में मारे जाने वाले 10 लोग हमास चीफ के रिश्तेदार बताए गए थे, जिनमें एक बहन भी शामिल थी.
इस्माइल गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी में सक्रिय छात्र आंदोलन का नेता था और 1987 में हमास की स्थापना के बाद संगठन में शामिल हुआ था. शुरुआत में इस्माइल चाहता था कि हमास राजनीतिक में एंट्री करे. उसका मानना था कि एक राजनीतिक दल के गठन से हमास विश्व परिदृश्य पर उभरते परिवर्तनों से निपटने में सक्षम होगा. इस्माइल हमास के संस्थापक शेख अहमद यासीन का भी मजबूत समर्थक था. उसका कहना था कि शेख यासीन युवा फिलिस्तीनियों के लिए एक आदर्श हैं जिनसे हमने इस्लाम से प्यार करना सीखा है.
हमास के संस्थापक को भी इस्माइल का परिवार भी पसंद था, जो अश्कलोन के पास अल-जुराह गांव का रहने वाला था. इस्माइल ने जल्द ही शेख यासीन का विश्वास हासिल कर लिया और 2003 में उसे हमास के प्रमुख का सलाहकार नियुक्त किया गया. 2004 में इजरायली हमले में शेख यासीन की मौत के बाद हमास में नेतृत्व संकट पैदा हो गया लेकिन 2006 में गाजा से इजरायली सेना की वापसी के बाद हुए चुनावों में हमास को स्पष्ट बढ़त मिली और इस्माइल को प्रधानमंत्री चुना गया. अगले साल 2007 में हमास ने गाजा पट्टी पर पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया था.
First Updated : Wednesday, 31 July 2024