बांग्लादेश में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है और लगातार धार्मिक कट्टरता का सामना कर रहा है. मंदिरों पर हमले और वित्तीय प्रतिबंध जैसी घटनाएं हिंसा को बढ़ाने का काम कर रही है. वहीं अब इस्कॉन से जुड़ें 17 लोगों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज कर दिया गया है. खास बात ये है कि जिन खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया गया है उनमें इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास का खाता भी शामिल हैं.
बता दें कि इस्कॉन से जुड़े 17 लोगों के बैंक खाते भी बांग्लादेश वित्तीय खुफिया इकाई (BFIU) के आदेश पर 30 दिनों के लिए फ्रीज कर दिए गए हैं. इन खातों में सभी प्रकार के लेन-देन को निलंबित कर दिया गया है.
बांग्लादेश वित्तीय खुफिया इकाई (BFIU) ने विभिन्न बैंकों को निर्देश दिया कि इस्कॉन से जुड़े 17 व्यक्तियों के खातों को फ्रीज कर दिया जाए. इन खातों में सभी लेनदेन 30 दिनों के लिए रोक दिए गए हैं. इस कार्रवाई की शुरुआत तब हुई जब इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया.
चटगांव में हाल ही में शांतानेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर, और शांत नेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर पर तोड़फोड़ की गई. हमला करने वाले सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मंदिरों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे उनके द्वार और संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं. पुलिस ने पुष्टि की कि इन हमलों का मकसद मंदिरों को नुकसान पहुंचाना था.
दरअसल, यह मामला तब शुरू हुआ जब इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास पर देश के झंडे के अपमान का आरोप लगाया गया. आरोप है कि दास ने चटगांव में भगवा झंडा फहराया, जिससे देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया. इसके बाद दास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. हालांकि, इस घटना को लेकर हिंदू संगठनों ने स्पष्ट किया कि न्यायालय परिसर में हिंसा में हिंदू समुदाय शामिल नहीं था.
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय, जो पहले से ही अल्पसंख्यक है, बार-बार कट्टरपंथी तत्वों का शिकार हो रहा है। मंदिरों पर हमले, बैंक खातों को फ्रीज करना और धार्मिक आस्थाओं का अपमान, इन घटनाओं ने समुदाय के लिए सुरक्षा और स्वतंत्रता की स्थिति को गंभीर बना दिया है। First Updated : Saturday, 30 November 2024