बॉर्डर को क्यों खुला चाहता है बांग्लादेश? वजह पाकिस्तान का गजवा-ए-हिंद तो नहीं
स्वराज्य की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की इच्छा है कि वह भारत के साथ अपनी 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा को खुला और बिना बाड़ के रखें. यह कोशिश खास तौर पर अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद तेज हुई है.
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India-Bangladesh Border: भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर बाड़ेबंदी को लेकर हाल ही में बढ़ी तनातनी ने दोनों देशों के रिश्तों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है. यह विवाद ऐसे समय पर उभरा है, जब बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद ढाका और दिल्ली के बीच रिश्ते खराब हुए हैं. बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने भारत पर बिना अनुमति के सीमा पर तारबंदी लगाने का आरोप लगाया, जबकि भारत ने इस आरोप को खारिज किया है. बांग्लादेश सीमा पर बाड़ेबंदी रोकने के लिए किसी भी हथकंडे का सहारा लेने को तैयार नजर आ रहा है.
स्वराज्य की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की इच्छा है कि वह भारत के साथ अपनी 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा को खुला और बिना बाड़ के रखें. यह कोशिश खास तौर पर अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद तेज हुई है. मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार इस्लामिक संगठनों के प्रभाव में है, जो भारत विरोधी माने जाते हैं. ऐसे में पाकिस्तान का प्रभाव भी बांग्लादेश में बढ़ा हुआ है, जो इस स्थिति में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहा है.
बांग्लादेश को खुली सीमा से क्या लाभ हो सकता है?
बांग्लादेश को भारत के साथ अपनी सीमा खुली रखने से कई तरह के फायदे होते हैं. इसका सबसे बड़ा लाभ तस्करी से होने वाली कमाई है. बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) पशुओं, खाद्य सामग्री, दवाओं और अन्य सामानों की तस्करी से बड़ी रकम कमाता है. तस्कर बांग्लादेशी सीमा को पार करने के लिए BGB से भारी रिश्वत देते हैं. बांग्लादेश से नशीले पदार्थ, नकली मुद्रा और सोने जैसी अवैध वस्तुएं भारत में भेजी जाती हैं.
पशु तस्करी का बड़ा धंधा
पशु तस्करी भी बांग्लादेश के लिए एक बड़ा व्यापार है. भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अनुमान है कि हर साल लगभग 20 लाख मवेशियों की तस्करी भारत से बांग्लादेश की ओर की जाती है. इस तस्करी से BGB को हर साल करीब 2,000 करोड़ टका की कमाई होती है. इसके अलावा, स्थानीय नेता और पुलिस भी तस्करों से रिश्वत लेते हैं.
अन्य तस्करी की गतिविधियाँ
इसके अलावा, बांग्लादेशी सीमा से खाद्य सामग्री, तेल, दवाएं, चावल, नमक, चीनी, मसाले और अन्य वस्तुएं भी तस्करी के जरिए भारत में भेजी जाती हैं. BGB इस तस्करी से अच्छी कमाई करता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पर तैनात एक BGB कांस्टेबल का महीने का वेतन करीब 10,000 रुपये है, लेकिन वह तस्करी से हर महीने अतिरिक्त 10,000 रुपये कमाता है.
भारत में अवैध बांग्लादेशी प्रवास को बढ़ावा
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बांग्लादेशी मुसलमानों के भारत में अवैध प्रवास को बढ़ावा देना भी बांग्लादेश का एक उद्देश्य हो सकता है. पाकिस्तान और कुछ बांग्लादेशी गुट भारत में जनसंख्यिकी बदलाव की कोशिश कर रहे हैं, जो गजवा-ए-हिंद के एजेंडे के तहत बढ़ाना चाहते हैं. पाकिस्तान की योजना है कि भारतीय सीमावर्ती राज्यों में अपनी पहुंच बढ़ाकर अस्थिरता फैलाए, और इसके लिए बांग्लादेश की सीमा को खुला रखना उनकी रणनीति का हिस्सा हो सकता है.