खूबसूरती के आगे हारी सीनियरटी? दुनिया भर में क्यों वायरल हो रही है यह PAK हसीना
पाकिस्तान के लाहौर हाई कोर्ट की एक खूबसूरत जज की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. वायरल होने की वजह कानूनी दाव पेच के साथ-साथ उनकी खूबसूरती भी है. कानून के जानकारों के का कहना है कि इस महिला को प्रोमोट करने के लिए संविधान की अनदेखी की गई है. जानिए कौन हैं यह महिला और क्यों इनकी वजह से ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि अन्य देशों में भी चर्चा हो रही है.
Pakistan News: सोशल मीडिया पर एक खूबसूरत महिला की तस्वीर वायरल हो रही है. जो पेशे से जज हैं और लोग उनको लेकर पॉज़िटिव-नेगेटिव दोनों ही तरह की बातें कर रहे हैं. कुछ लोग इनको लेकर नए दौर की आगाज बता रहे हैं. वहीं कुछ लोग संविधान का विरोध करके इन्हें प्रमोट करने की बात कर रहे हैं. यहां तक कि कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने तो यहां तक का दावा कर दिया है कि खूबसूरती और सीनियरिटी के बीच खूबसूरती की जीत हो गई है.
दरअसल वायरल हो रही इस महिला का नाम आलिया नीलम है. जिन्हें लाहौर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद के लिए नामित किया गया है. पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाले सर्वोच्च न्यायिक आयोग ने जस्टिस आलिया नीलम के नाम को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है. जस्टिस आलिया नीलम लाहौर हाई कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश होंगी. उन्हें 2013 में लाहौर हाई कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त किया गया था और 2015 में उन्हें पर्मानेंट जज के तौर पर में नियुक्त किया गया था.
لاہور ہائیکورٹ میں دو سینیئر ترین ججز کو نظرانداز کر کے ایک جونیئر خاتون جج جسٹس عالیہ نیلم کو چیف جسٹس لاہور ہائیکورٹ بنائے جانے کا قوی امکان ہے ! حسنات ملک ۔۔
— AMJAD KHAN (@iAmjadKhann) June 9, 2024
وہ جو ہر بات پہ سنیارٹی کی بات کرتا تھا اس کا کیا کرنا ہے ؟؟ pic.twitter.com/bXXazXyDXj
सुप्रीम न्यायिक आयोग की बैठक में लाहौर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद के लिए तीन सबसे सीनियर जज जस्टिस शुजात अली खान, जस्टिस अली बाकिर नजफी और जस्टिस आलिया नीलम का नाम शामिल किया गया, जिस पर आयोग ने जस्टिस आलिया का सलेक्शन किया. लाहौर हाई कोर्ट के सबसे सीनियर जज न्यायमूर्ति शुजात अली खान वर्तमान में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद संभाल रहे हैं.
जस्टिस आलिया नीलम वरिष्ठता में तीसरे नंबर पर थीं और इस वजह से कानूनी हलकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया रही है. कुछ कानूनी माहिरों का कहना है कि मार्च 1996 के अल-जिहाद मामले में यह फैसला लिया गया था कि सबसे सीनियर जज को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्त किया जाएगा और इस मामले में वरिष्ठता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. 1996 के बाद यह पहली बार है कि लाहौर उच्च न्यायालय में वरिष्ठता के नियम के बाहर किसी न्यायाधीश की नियुक्ति की गई है.
جسٹس عالیہ نیلم لاہور ہائیکورٹ کی خاتون چیف جسٹس نامزد ہوگئی ہے۔
— Aamir Ali Khan (@Aamir_Aali) July 2, 2024
تمام لوگ نوٹ کر لیں کہ یہ اسلام آباد ہائیکورٹ کے چیف جسٹس عامر فاروق کی فیمیل ورژن ہیں۔
اسٹیبلشمنٹ #ISPR کی بغل بچی ہیں۔
انصاف کی زیادہ امید نہ رکھیں۔#SupremeCourt pic.twitter.com/kK3fQYh3Ms
लाहौर हाई कोर्ट के 150 साल के इतिहास में चंद महिलाएं ही जज बनी हैं, लेकिन उनमें से जस्टिस आलिया नीलम यह सम्मान पाने वाली पहली महिला हैं. अब तक पांच महिलाएं लाहौर उच्च न्यायालय की जज बन चुकी हैं. जस्टिस आलिया नीलम के बाद, जस्टिस इरम सज्जाद गुल को लाहौर हाई कोर्ट में नियुक्त किया गया लेकिन वह एडीशनल जज के तौर पर काम करती रहीं और अपने कार्यकाल की समाप्ति पर रिटायर्ज हो गईं.