राहुल को क्यों पसंद आया चीन! भारत और अमेरिका पर टेक्सास में क्या बोले?

Rahul Gandhi in Texas: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं. रविवार को वो अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय (डैलस) में छात्रों से बातचीत करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने रोजगार से लेकर AI कर कई मुद्दों पर बात की है. सबसे खास और बड़ी बात राहुल गांधी ने कहा कि किसी को सुनना बोलने से ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने छात्रों को ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है.

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Edited By: JBT Desk

Rahul Gandhi in Texas: राहुल गांधी अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान रविवार को टेक्सास के डलास पहुंचे. वहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के छात्रों से मुलाकात की और भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था और भारत जोड़ो यात्रा पर चर्चा की. इस दौरान राहुल ने कहा कि भारतीय राजनीति में नफरत का माहौल था लेकिन भारत जोड़ो यात्रा से राजनीति में प्यार और सद्भावना की शुरुआत हुई है. राहुल गांधी ने रोजगार की समस्या के साथ ही AI और तमाम मुद्दों पर बात की है.

बता दें राहुल गांधी रविवार को अपनी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर हैं. रविवार को वो टेक्सास के डैलस पहुंचे थे. कांग्रेस सांसद का हवाईअड्डे पर भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों और भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने स्वागत किया.

चीन का सिस्टम पसंद आया

रोजगार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम में रोजगार की समस्या है. भारत में रोजगार की समस्या है लेकिन दुनिया के कई देशों में रोजगार की समस्या नहीं है. चीन में रोजगार की समस्या नहीं है. वियतनाम में रोजगार की समस्या नहीं है. अगर आप 1940, 50 और 60 के दशक में अमेरिका को देखें, तो वो वैश्विक उत्पादन का केंद्र था. अब पश्चिम, अमेरिका, यूरोप और भारत ने उत्पादन के विचार को छोड़ दिया है और उन्होंने इसे चीन को सौंप दिया है. उत्पादन रोजगार पैदा करता है. हमें उपभोग के साथ उत्पादन के बारे में सोचना होगा.

कितने बदले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने छात्रों से बातचीत करते हुए कहा कि व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करके अपने संघर्षों को समझदारी से चुनना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि करियर की शुरुआत और अब में उनकी सोच में कोई बदलाव आया है, उसपर उन्होंने कहा कि हर मुद्दे को उठाना जरूरी नहीं होता. बल्कि मुख्य और महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है.

राहुल ने कहा कि अब मुझे यह एहसास हो रहा है कि सुनना बोलने से ज्यादा महत्वपूर्ण है. सुनने का मतलब है खुद को सामने वाले की स्थिति में रखना. अगर कोई किसान मुझसे बात करता है तो मैं उसकी दिनचर्या और जीवन शैली को समझने की कोशिश करता हूं. सुनना बेहद जरूरी है और फिर उस मुद्दे की गहराई को समझना. हर छोटे-बड़े मुद्दे को उठाने की बजाय, आपको अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और उनके लिए लड़ना चाहिए.

कैसे बनाते हैं योजना?

राहुल गांधी ने अपनी योजनाओं के बारे में कहा कि विपक्ष असल में जनता की आवाज है. जब संसद चल रही होती है तब कई घटनाक्रम चलते रहते हैं. अन्य दिनों में, यह सोचने की जरूरत होती है कि भारत के लोगों के मुद्दों को कहां और कैसे उठाया जाए. आपको व्यक्ति, समूह, उद्योग और किसानों के दृष्टिकोण से सोचना होता है. मैं भी उसकी जटिलताओं और बारीकियों को समझने की कोशिश करता हूं और उसी अनुसार योजना बनाता हूं.

AI पर क्या बोले?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर राहुल गांधी ने कहा कि हर बार जब आप कोई नई तकनीक लाते हैं, तो यह तर्क दिया जाता है कि यह नौकरियां छीनने वाली है. जब पहली बार कंप्यूटर आए, तो कहा गया कि यह नौकरियां छीनने वाला है. मेरा यह मानना है कि इससे अलग-अलग तरह की नौकरियां पैदा होंगी और अलग-अलग तरह की प्रणालियों को कमोबेश लाभ होगा. हो सकता है थोड़ी समस्या हो पर इसके सही उपयोग से रोजगार बढ़ेगा.

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09 September 2024, 07:45 AM IST

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