पाकिस्तान में लगी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पाबंदी, सरकार ने हाई कोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट
पाकिस्तान पिछले कई महीनों से सोशल प्लेटफॉर्म X पर पाबंदी लगी हुई है. हालांकि इस संबंध में सरकार की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई थी लेकिन अब अदालत के सामने सरकार ने कबूल कर लिया है.
Pakistan News: पाकिस्तान में फरवरी से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे थे. क्योंकि 17 फरवरी 2024 के बाद ही X पर पाबंदी लगी हुई. अब इस मामले में पाकिस्तान का बयान सामने आ गया है. इससे संबंधित विदेश मंत्रालय ने एक रिपोर्ट इस्लामाबाद हाई कोर्ट में जमा कराई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने यह फैसला देश की सलामती और अम्न-अमान कायम रखने के लिए लिया था.
दरअसल पाकिस्तान में X पर पाबंदी के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल की गई थी. जिसके जवाब में सरकार ने अपनी रिपोर्ट में उस याचिका को खारिज करने की अपील की. साथ ही कहा कि याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया गया है, एक्स को बंद करने के खिलाफ याचिका कानून और तथ्यों के विपरीत है और इस पर सुनवाई नहीं की जा सकती.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि एक्स पाकिस्तान में रजिसटर्ड है और पाकिस्तानी कानूनों का पालन करने के समझौते का पक्ष में नहीं है. इसके अलावा एक्स ने मंच के गलत इस्तेमाल के संबंध में पाकिस्तान सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया. इसलिए पाबंदी लगाई गई है.
गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की साइबर क्राइम ब्रांच ने एक्स से चीफ जस्टिस के खिलाफ प्रचार करने वाले अकाउंट्स पर पाबंदी लगाने को कहा गया था. लेकिन उसने हमारी इस अपील को नजर अंदाज किया. सरकार ने कहा कि उसके पास एक्स को अस्थायी तौर पर बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. खुफिया एजेंसियों के गुजारिश पर आंतरिक मंत्रालय ने 17 फरवरी 2024 को एक्स को बंद करने के आदेश जारी किए.
सरकार ने कहा कि एक्स को बंद करने का फैसला देश की सुरक्षा और कानून वायवस्था को कायम रखने के लिए लिया गया था, क्योंकि कुछ लोगों की तरफ से झूठी खबरें फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का अंधाधुंध इस्तेमाल किया जा रहा है.रिपोर्ट में कहा कि कानून-व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वालों बढ़ावा देने के लिए कुछ तत्वों की तरफ से एक्स का इस्तेमाल एक हथियार के तौर पर किया जा रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिक टॉक पर पहले भी सरकार ने प्रतिबंध लगाया था, टिक टॉक द्वारा पाकिस्तानी कानून का पालन करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रतिबंध हटा लिया गया था.