Explainer: कब रखा गया पाकिस्तान का नाम और क्यों निकाला चौधरी रहमत अली को धक्के मारकर देश से बाहर?
Explainer: आखिर पाकिस्तान लफ्ज़ आया कहा से था? कौन इसे पहली बार बोलचाल में लेकर आया, कई लोगों को मानना है कि पाकिस्तान नाम कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना हैं लेकिन यह सच नहीं हैं, आइए जानें क्या है सच?
हाइलाइट
- कैसे रखा पाकिस्तान का नाम?
- क्यों निकाला देश से धक्के मारकर बाहर?
Explainer: अधिकतर लोग ऐसे हैं जिन्हें ये नहीं पता है कि पाकिस्तान का नाम कब और किसने रखा था? कई लोगों को मानना है कि कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान का नाम रखा था, लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं हैं, पाकिस्तान का नाम चौधरी रहमत अली ने रखा था, लेकिन लोगों ने उन्हीं को देश से धक्के मारकर बाहर निकल दिया. आखिर ऐसा क्या हुआ था कि देश से चौधरी रहमत को बाहर निकलना पड़ा?
हिंदू-मुस्लिम में मतभेद
चौधरी रहमत अली का जन्म 16 नवंबर 1897 को ब्रिटिश भारत के पंजाब इलाके के बालाचौर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. साल 1930 के आसापास अली के दिमाग में दक्षिण एशिया में एक अलग मुस्लिम देश बनाने का आइडिया आया, उस समय ब्रिटिश भारत में हिंदू-मुस्लिम में मतभेद शुरू हो चुके थे.
कैसे रखा पाकिस्तान का नाम?
चौधरी रहमत अली का जन्म 16 नवंबर 4897 को ब्रिटिश भारत के पंजाब इलाके के बालाचौर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा बन चुके हैं. साल 1930 के आसपास अली के दिमाग में दक्षिण एशिया में एक अलग मुस्लिम देश बनाने का आइडिया आया. उस समय ब्रिटिश भारत में हिंदू- मुस्लिम वैमनस्य शुरू हो चुके थे. पहले अली दोस्तों के बीच अपने इस विचार को रखा, फिर साल 1933 में तीसरे राउंड टेबल कांफ्रेंस के दौरान लंदन में ब्रिटिश और भारतीय प्रतिनिधियों के सामने रखने की कोशिश की.
क्यों निकाला देश से धक्के मारकर बाहर?
इसी के साथ उन्होंने पाकिस्तान नेशनल मूवमेंट की शुरुआत कर दी थी. देखते ही देखते यह मूवमेंट आगे निकल गया और फिर मुस्लिम लीग ने इसका झंडा उठा लिया और यह मान लिया गया है कि पाकिस्तान की मांग मोहम्मद अली जिन्ना ने शुरू की, उन्हे ही पाकिस्तान का संस्थापक माना और कहा जाता है. हिंदू-मुस्लिम में मतभेद चौधरी रहमत अली ही थे, जिन्हें कुछ दिनों बाद देश से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया था.
रहमत अली क्यों हुए खफा?
14 अगस्त 1947 को जब पाकिस्तान बना तो वही रहमत अली कहीं सीन में नहीं थे. वे इंग्लैंड में ही थे. उन्हें कोई पूछने वाला भी नहीं था. उनका पाकिस्तान का सपना तो पूरा हो रहा था लेकिन उसे देखने वालों में अली का नाम नहीं बल्कि अल्लामा इकबाल, जिन्ना जैसों का नाम था. पाकिस्तान बनने के बावजूद अली इस बात से खफा थे कि पाकिस्तान के बंटवारे को जिन्ना ने क्यों मंजूरी दी. इस तरह पाकिस्तान नाम को जन्म देने वाले अली को उनका अपना देश और उनके अपने लोग भूल गए.