बांग्लादेश में चिन्मय कृष्णन दास की क्यों हुई गिरफ्तारी? क्या है उनकी मांग, यहां समझिए
Chinmoy Krishna Das:चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता हैं. यह समूह बांग्लादेश में हिंदुओं की बेहतर सुरक्षा की मांग कर रहा है.
Chinmoy Krishna Das: भारत ने बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत न मिलने पर चिंता जताई है. भारत ने बांग्लादेश से अपील की है कि वह हिंदू समुदाय और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.
चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश पुलिस ने सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था. मंगलवार को बांग्लादेश की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया. चिन्मय कृष्ण दास की पार्टी, संयुक्त सनातन जागरण जोत, अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और आठ मांगों के क्रियान्वयन की मांग कर रही है.
हिंदू समुदाय सबसे बड़ा अल्पसंख्यक
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय सबसे बड़ा अल्पसंख्यक है, लेकिन अन्य अल्पसंख्यक समूह भी हैं जिन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक भेदभाव का सामना करना पड़ा है. 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में 91% मुस्लिम हैं, जबकि 9% अन्य धर्मों के लोग हैं, जिनमें हिंदू, बौद्ध, ईसाई, और अन्य धर्मों के लोग शामिल हैं.
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक नेताओं
कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक नेताओं ने यह बताया है कि बांग्लादेश में धार्मिक हिंसा और उत्पीड़न के मामलों में न्याय नहीं मिल पाता है. बांग्लादेश का संविधान धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा करता है, लेकिन फिर भी अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हमले होते हैं.
भारत ने बांग्लादेश से अपील की
भारत ने बांग्लादेश से अपील की है कि अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक खास कानून बनाया जाए. इसके अलावा, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के कल्याण के लिए एक 'हिंदू फाउंडेशन' बनाने की मांग भी उठाई जा रही है.
हाल के वर्षों में हिंदू मंदिरों पर हमले बढ़े
बांग्लादेश में हाल के वर्षों में हिंदू मंदिरों पर हमले बढ़े हैं. इसके साथ ही, हिंदू समुदाय की संपत्तियों और मंदिरों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून की आवश्यकता महसूस की जा रही है. इसके अलावा, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्रार्थना कक्षों की व्यवस्था और संस्कृत शिक्षा बोर्ड की स्थापना भी महत्वपूर्ण कदम हैं. हिंदू त्योहारों के लिए भी छुट्टियां बढ़ाने की मांग की जा रही है, जैसे कि दुर्गा पूजा पर अधिक छुट्टियां देने की मांग है.
इन सभी मुद्दों के बीच, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है और भारत ने बांग्लादेश से इस दिशा में कदम उठाने की अपील की है.