H-1B वीजा पर क्यों हुआ विवाद, आखिर क्यों ट्रंप के रुख से नाराज हो गए उनके समर्थक?

अमेरिका में एच-1बी वीजा को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है. ट्रंप प्रशासन के दौरान एच-1बी वीज़ा पर कई सख्त कदम उठाए गए थे, लेकिन अब जब डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हो रही है, उन्होंने इस वीज़ा का समर्थन करने की बात की है. इससे उनके कुछ समर्थक नाराज हैं, क्योंकि वे मानते हैं कि एच-1बी वीज़ा के तहत विदेशी कर्मचारी अमेरिका में आकर अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां छीन रहे हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

अमेरिका में एच-1बी वीज़ा को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान एच-1बी वीज़ा पर कई सख्त कदम उठाए गए थे, जो कि विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में काम करने की अनुमति देते हैं. लेकिन अब जब ट्रंप की वापसी हो रही है, तो उन्होंने इस वीज़ा का समर्थन करने की बात की है, जिससे उनके कुछ समर्थक नाराज हो गए हैं.

ट्रंप के समर्थक का कहना हैं कि एच-1बी वीजा के तहत विदेशी कर्मचारी अमेरिका में आकर अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां छीन रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि इससे अमेरिकी रोजगार बाजार पर दबाव बढ़ता है और अमेरिकी कामकाजी वर्ग को नुकसान होता है. ट्रंप के समर्थकों का यह भी आरोप है कि एच-1बी वीजा की वजह से अमेरिकी कामकाजी वर्ग की स्थिरता खतरे में आ गई है.

क्या है एच-1बी वीजा?

एच-1बी वीज़ा एक ऐसा वीज़ा है जो कुशल विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है. इसके तहत विशेष रूप से टेक्नोलॉजी और अन्य सेक्टरों में काम करने वाले कर्मचारी आते हैं. हालांकि, इसका विवाद इस बात को लेकर है कि क्या यह वीज़ा अमेरिकी कर्मचारियों के लिए खतरा है या नहीं.

क्या कहते हैं ट्रंप के समर्थक?

ट्रंप के समर्थक मानते हैं कि एच-1बी वीज़ा से अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां खतरे में पड़ रही हैं. उनका कहना है कि विदेशों से आने वाले कर्मचारियों से न केवल रोजगार की प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, बल्कि अमेरिकी कामकाजी वर्ग की स्थिति भी कमजोर होती है.

क्या कहते हैं एच-1बी के समर्थक?

वहीं, एच-1बी वीज़ा के समर्थक यह मानते हैं कि इस वीज़ा से अमेरिका को दुनिया भर से बेहतरीन प्रतिभाएं मिलती हैं, जिससे अमेरिकी इंडस्ट्री को फायदा होता है. एलन मस्क जैसे प्रमुख उद्योगपति भी इस वीज़ा के पक्ष में हैं, उनका कहना है कि यह वीज़ा अमेरिका में टॉप इंजीनियरिंग प्रतिभाओं को लाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है.

ट्रंप के रुख में बदलाव

पहले ट्रंप ने एच-1बी वीज़ा का विरोध किया था, लेकिन अब उनका रुख बदल गया है और उन्होंने इसके समर्थन की बात की है. यह बदलाव उनके समर्थकों के बीच निराशा का कारण बना है, क्योंकि वे उम्मीद कर रहे थे कि ट्रंप एच-1बी वीज़ा की संख्या को और कम करेंगे और एक सख्त प्रवासी नीति को लागू करेंगे.

क्या होगा ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में?

2025 में ट्रंप की वापसी के बाद यह देखना होगा कि वह इस वीज़ा को लेकर कौन सी नीति अपनाते हैं. क्या वह अमेरिकी कामकाजी वर्ग के हित में कदम उठाएंगे, या फिर वह रिपब्लिकन पार्टी की प्रवासी नीति को अपनाएंगे, जो व्यवसायों के हितों को ध्यान में रखती है. यह मुद्दा ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में एक बड़ा विवाद बन सकता है.

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01 January 2025, 01:05 PM IST

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