कौन हैं मोजतबा खामेनेई? क्या ईरान में बनेगी इनकी बादशाहत?
85 वर्षीय अयातुल्लाह अली खामेनेई, जो गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं, ने अपने बेटे मोजतबा को उत्तराधिकारी चुने जाने का गुप्त फैसला लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान की असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स की एक विशेष बैठक में इस फैसले पर सहमति बनी. लेकिन क्या मोजतबा में वो काबिलियत है जो उनके पिता में है? जानिए इस महत्वपूर्ण फैसले के पीछे की असली कहानी.
Mojtaba Khamenei: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई की बिगड़ती तबियत के बीच, उनके उत्तराधिकारी के रूप में उनके बेटे मोजतबा खामेनेई का नाम तेजी से चर्चा में है. 85 वर्षीय खामेनेई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं और रिपोर्ट्स के अनुसार, वे अपनी मृत्यु से पहले ही पद त्याग कर अपने बेटे को सत्ता सौंपना चाहते हैं. इस कदम का उद्देश्य ईरान में नेतृत्व का सुचारू हस्तांतरण सुनिश्चित करना है ताकि देश में राजनीतिक अस्थिरता न पैदा हो.
मोजतबा खामेनेई को उत्तराधिकारी बनाने की गुप्त तैयारी
तेहरान में खामेनेई के उत्तराधिकारी के रूप में उनके दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई को चुनने का निर्णय गुप्त रूप से लिया गया है. रिपोर्ट्स की मानें तो 26 सितंबर को असेंबली ऑफ़ एक्सपर्ट्स के 60 सदस्यों को एक गोपनीय बैठक में बुलाया गया था. इस बैठक में मोजतबा के नाम को खामेनेई के उत्तराधिकारी के रूप में चुने जाने की सहमति बनी. हालांकि, इस फैसले पर कई विशेषज्ञों ने संदेह व्यक्त किया है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में खामेनेई के दबाव और शासन के अधिकारियों के खतरों के कारण असेंबली ऑफ़ एक्सपर्ट्स को यह निर्णय लेना पड़ा.
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और गोपनीयता के सख्त नियम
इस निर्णय पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया को लेकर ईरानी शासन ने कड़ा रुख अपनाया है. असेंबली के सदस्यों को कड़ी चेतावनी दी गई कि अगर बैठक के बारे में कोई जानकारी बाहर आई तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इसी कारण से यह खबर कई हफ्तों तक गुप्त रखी गई. शासन को इस बात का डर था कि अगर लोगों को इसके बारे में पता चला तो असंतोष और विरोध बढ़ सकता है.
मोजतबा की भूमिका और अनुभव की कमी पर सवाल
मोजतबा खामेनेई को उनके पिता द्वारा लंबे समय से शासन की आंतरिक गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है, ताकि वे सत्ता का हस्तांतरण समझ सकें. हालांकि, उनके पास सरकार में किसी आधिकारिक पद का अनुभव नहीं है, जिससे उनके नेतृत्व को लेकर कई सवाल उठते हैं. सत्ता के इस हस्तांतरण को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है, ताकि खामेनेई की मृत्यु के बाद सत्ता पर किसी प्रकार का विवाद या विरोध खड़ा न हो.
सत्ता हस्तांतरण और ईरान का भविष्य
खामेनेई का यह कदम ईरान में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने और आंतरिक अशांति को रोकने के प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है. उनका लक्ष्य है कि उनके जीवनकाल में ही उनके बेटे की स्थिति मजबूत हो जाए ताकि उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी को किसी विरोध का सामना न करना पड़े. ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव और देश के अंदर बढ़ रहे विरोध के बीच, यह कदम शासन के नियंत्रण को बनाए रखने की कोशिश को दर्शाता है.
क्या ईरान में पारिवारिक सत्ता चलेगी?
मोजतबा खामेनेई के उत्तराधिकारी बनने की प्रक्रिया ने ईरान की राजनीति में कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या इस कदम से ईरान में खामेनेई परिवार की सत्ता कायम रहेगी? क्या मोजतबा का शासन देश को एक नई दिशा में ले जाएगा, या यह कदम केवल खामेनेई के शासन की विरासत को बनाए रखने के लिए उठाया गया है? यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में ईरान की जनता और वहां का राजनीतिक माहौल इस फैसले पर कैसे प्रतिक्रिया देता है.