क्या इस साल नहीं दिया जाएगा नोबेल पीस प्राइस 19 बार पहले भी रोका जा चुका है

नोबल इनामों का ऐलान होने वाला है लेकिन कहा जा रहा है कि इस साल नोबेल पीस प्राइस का ऐलान होना मुश्किल है. क्योंकि एक तरफ जहां दुनिया के कई हिस्सों में जंगे जारी हैं ऐसे में पीस प्राइस देना कहीं तक भी वाजिब नहीं लग रहा है. तो चलिए जानते हैं आखिर पूरा मामला क्या है.

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Nobel Peace Prize: एक तरफ जहां दुनिया के कई हिस्सों में जंग जारी है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पिछले एक साल में लाखों लोग जंगों की वजह से मारे जा चुके हैं. ऐसे में इस साल नोबिल पीस प्राइस निलंबित किया जा सकता है. बढ़ती हिंसा और जंग के बीच अगले हफ्ते नोबेल पुरस्कार का ऐलान शुरू होने पर एक्सपर्ट्स इस संबंध में अपनी राय रखी है. नोबेल प्राइस के ऐलान होने वाला हफ्ता ऐसे वक्त में शुरू हो रहा है जब 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास के हमलों की एक साल की सालगिरह के रूप में शुरू होता है. ये हमले पूरे मिडिल ईस्ट में वर्षों से रक्तपात और युद्ध के रूप में जारी हैं.

एक्सपर्ट्स दावा कर रहे हैं कि साहित्य और विज्ञान पुरस्कार पहले की तरह ही दिए जा सकते हैं लेकिन शांति पुरस्कार का ऐलान होना मुश्किल है, क्योंकि यह अवॉर्ड संघर्ष को खत्म करने की कोशिश करने वालों को दिया जाता है. ऐसे में जब दुनिया का एक बड़ा हिस्सा जंग में शामिल है, पीस प्राइस का ऐलान ना मुमकिन सा लग रहा है. 

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डैन स्मिथ कहते हैं, "मैं दुनिया को देखता हूं और इतना संघर्ष, इतनी दुश्मनी देखता हूं कि मुझे हैरानी होती है कि इस साल नोबेल पीस प्राइस रोक दिया जाना चाहिए." वो मिडिल ईस्ट के अलावा सूडान में जंग और वहां अकाल के खतरे का भी जिक्र करते हैं. इसके अलावा यूक्रेन में भी जारी संघर्ष है. उनके संस्थान की रिसर्च से पता चलता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से वैश्विक सैन्य खर्च सबसे तेज़ गति से बढ़ रहा है.

स्मिथ का कहना है कि यह पुरस्कार उन समूहों को मिल सकता है जो साहसिक प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनकी सराहना कम की जा रही है. वह कहते हैं, "यह प्रवृत्ति ग़लत दिशा में है." शायद अगर हम इस साल शांति पुरस्कार रोक दें, तो हम उनकी ओर ध्यान आकर्षित कर सकते हैं.

हालांकि दूसरी तरफ ओस्लो में पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर हेनरिक अर्डाल का कहना है कि 2024 में नोबेल शांति पुरस्कार रोकना एक गलती होगी. उनका कहना है, "शांति के लिए किए जाने वाले महत्वपूर्ण कार्यों को बढ़ावा देना अब शायद और भी जरूरी हो गया है."

बता दें कि अगर नोबेल शांति पुरस्कार रोका जाता है तो यह पहली बार नहीं होगा. विश्व युद्धों समेत अतीत में ऐसा 19 बार किया जा चुका है. आखिरी बार यह पुरस्कार 1972 में रोका गया था. First Updated : Saturday, 05 October 2024