क्या पूरी दुनिया का इंटरनेट ठप हो जाएगा? पुतिन-जिनपिंग कर रहे तैयारी, बढ़ने वाला है खतरा!
रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण समुद्र के नीचे बिछी इंटरनेट केबलों पर हमले की आशंका जताई जा रही है, जिससे वैश्विक इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं को खतरा हो सकता है. ब्रिटेन की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार से सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का आग्रह किया है.

रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण अब वैश्विक इंटरनेट के लिए खतरे की घंटी बजने लगी है. नाटो के सैन्य प्रमुखों ने समुद्र के नीचे बिछी इंटरनेट केबलों पर संदिग्ध रूसी हमलों के बाद एक बड़े संकट की चेतावनी दी है. ब्रिटेन की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने अपनी सरकार से आग्रह किया है कि समुद्री केबल नेटवर्क को आवश्यक बुनियादी ढांचा घोषित किया जाए, ताकि उसे सुरक्षा और उचित निवेश मिल सके. कंपनियों का कहना है कि अगर समुद्री केबलों पर हमले जारी रहते हैं, तो इसका असर केवल यूरोप तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ये पूरे दुनिया के इंटरनेट सिस्टम को प्रभावित कर सकता है.
ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनियों ने चेतावनी दी है कि समुद्री केबलों पर बढ़ते साइबर हमलों को देखते हुए सरकार को इस क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता है. इन कंपनियों ने स्पष्ट किया है कि रूस के द्वारा इन केबलों पर हमला करने से वैश्विक इंटरनेट, अंतरराष्ट्रीय संचार, वित्तीय लेनदेन और कई अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं पर बुरा असर पड़ सकता है. अगर इन केबलों को नुकसान पहुंचता है, तो पूरी दुनिया का डिजिटल नेटवर्क ठप हो सकता है.
रूस और चीन से बढ़ता खतरा
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय देशों से रूस के संबंध और भी तनावपूर्ण हो गए हैं, जिससे रूस की ओर से समुद्र के नीचे बिछी इंटरनेट केबलों पर हमले की आशंका जताई जा रही है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि रूस के समर्थक इस तरह के हमले कर रहे हैं, जबकि चीन से भी ऐसी ही घटनाओं का खतरा बना हुआ है. चीन, जो ताइवान के मुद्दे को लेकर अमेरिका और अन्य देशों के साथ संघर्ष में है, उसकी तरफ से भी समुद्री केबलों को निशाना बनाने का खतरा बताया जा रहा है.
वोडाफोन, ओ2 के मालिक टेलीफोनिका और ऑरेंज जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने पहले ही इस बात की पुष्टि की है कि समुद्री केबलों में तोड़फोड़ की घटनाएं हो चुकी हैं. इन कंपनियों का कहना है कि रूस की ओर से ये आक्रमण डिजिटल दुनिया के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.
रूस के खिलाफ कार्रवाई का संदेश
रूसी द्वारा समुद्री केबलों पर हमलों को लेकर ब्रिटेन के रक्षा सचिव, जॉन हेली ने जनवरी में इसे बढ़ती रूसी आक्रामकता का एक और उदाहरण करार दिया था. उन्होंने कहा कि मैं ये भी चाहता हूं कि राष्ट्रपति पुतिन ये संदेश सुनें- हम आपको देख रहे हैं, हम जानते हैं कि आप क्या कर रहे हैं और हम इस देश की रक्षा के लिए कठोर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे.


