क्या गाजा से फिलिस्तीनियों को हटा पाएंगे ट्रंप?, अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान से कैसे मुस्लिम देश हुए नाराज

गाजा में सीजफायर के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा बयान दिया है,जिसने दुनिया में नई चर्चा छेड़ दी है. ट्रंप ने कुछ दिन पहले गाजा से फिलिस्तीनियों को अरब देशों में बसाने की बात कही है. ट्रंप के इस प्रस्ताव की मुस्लिम देशों ने कड़ी निंदा की और प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

15 महीने के भीषण युद्ध और रक्तपात के बाद गाजा में सीजफायर लागू हो गया है. इस बीच इजराइल और हमास के बीच बंधंकों की रिहाई का सिलसिला जारी है. 30 जनवरी को हमास ने तीन इजराइली समेत पांच बंधंकों को रिहा किया. इसके बदले इजराइल भी हमास के सैकड़ों कैदियों को रिहा कर चुका है और वह गाजा पट्टी पहुंच चुके हैं. गाजा में सीजफायर के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा बयान दिया है,जिसने दुनिया में नई चर्चा छेड़ दी है. ट्रंप ने कुछ दिन पहले गाजा से फिलिस्तीनियों को अरब देशों में बसाने की बात कही है. ट्रंप के इस प्रस्ताव की मुस्लिम देशों ने कड़ी निंदा की और प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.

ट्रंप के इस बयान के क्या मायने हैं और क्या यह संभव है?

गाजा पट्टी में युद्ध समाप्त होते ही उल्लास और अश्रुपूर्ण पुनर्मिलन के दृश्य देखने को मिल रहे हैं. लाखों विस्थापित लोग क्षेत्र के उत्तरी भाग में अपने घरों की ओर वापस लौट रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप का प्रस्ताव गाजा से सभी फिलिस्तीनियों को हटाना है, लेकिन क्षेत्र की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को देखते हुए इसके साकार होने की संभावना बहुत कम नजर आती है.

अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में अरब सेंटर वाशिंगटन डीसी में फिलिस्तीन/इज़रायल कार्यक्रम के प्रमुख यूसुफ मुनैयर ने कहा कि ट्रंप के "अपमानजनक" बयान की निंदा की जानी चाहिए क्योंकि यह सभी मानदंडों और बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन करता है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसे कुछ हद तक संदेह के साथ भी लिया जाना चाहिए.

'ट्रंप को खुद नहीं पता, वो क्या बोलते हैं'

मुनैयर ने कहा, "ट्रंप हर तरह की बातें कहते हैं. कभी-कभी, वे ऐसी बातें होती हैं जो वह कहना चाहते हैं. कभी-कभी, वे ऐसी बातें होती हैं जो वह नहीं कहना चाहते. कभी-कभी, वे ऐसी बातें होती हैं जो उन्होंने पांच मिनट पहले हुई बातचीत में सुनी थीं. कभी-कभी वे ऐसी बातें होती हैं जो उन्हें लगता है कि उन्होंने सुनी थीं लेकिन गलत समझी गईं." मुनैयर ने कहा कि गाजा से मुसलमानों का सफाया करने का विचार नया नहीं है और यह अक्टूबर 2023 में युद्ध शुरू होने के बाद से ही प्रचलन में है.

ट्रंप के बयान पर अरब देशों का रुख

ट्रंप के बयान के बाद मिस्र में फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने की बातचीत काहिरा द्वारा तुरंत बंद कर दी गई है. जॉर्डन ने भी बड़े पैमाने पर विस्थापन को अस्वीकार कर दिया है. ट्रंप की हालिया टिप्पणियों के बाद दोनों देशों ने अपनी स्थिति दोहराई है. मुनैयर ने कहा, "यह केवल इस बारे में नहीं है कि ये देश फिलिस्तीन के बारे में क्या महसूस करते हैं या वे इजरायल-फिलिस्तीनी मुद्दे के बारे में क्या सोचते हैं. यह उनकी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के बारे में भी है, जिन्हें इस चर्चा में कम करके नहीं आंका जा सकता है."

मिस्र और जॉर्डन किया इनकार

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने जोर देकर कहा कि मिस्र गाजा से फिलिस्तीनियों को हटाने के किसी भी अभियान में भाग नहीं लेगा. उन्होंने विस्थापन के "अन्याय" के साथ-साथ मिस्र की सुरक्षा का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा, "मैं मिस्र के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मिस्र की राष्ट्रीय सुरक्षा के उल्लंघन में नरमी या नरमी की अनुमति नहीं दी जाएगी." जॉर्डन ने भी यही रुख दोहराया. उनके विदेश मंत्री अयमान सफादी ने कहा कि हशमाइट साम्राज्य की स्थिति "अपरिवर्तनीय और अपरिवर्तनीय" है.

गाजा से फिलिस्तीनियों को हटाना कितना मुमकिन

अमेरिका स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलिसी की अध्यक्ष नैन्सी ओकेल ने कहा कि ट्रंप की टिप्पणियां किसी वास्तविक रणनीति पर आधारित नहीं लगतीं. ओकेल ने कहा, "मिस्र की सरकार और खास तौर पर राष्ट्रपति अल-सिसी ने इस बारे में बहुत स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाया है कि यह कोई नई बात नहीं है. ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे इसे स्वीकार किया जाए." क्विंसी इंस्टीट्यूट फॉर रिस्पॉन्सिबल स्टेटक्राफ्ट की रिसर्च फेलो एनेल शेलीन ने कहा कि जॉर्डन को भी बड़े पैमाने पर विस्थापन की इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. शेलीन ने कहा, "यह बहुत परेशान करने वाला है क्योंकि मैं अक्सर लोगों से यह सुनती हूं... अन्य देश उन्हें क्यों नहीं अपना लेते या वे क्यों नहीं चले जाते?' तो फिर, इजरायल उन्हें मारने की कोशिश क्यों नहीं बंद कर देता? यही असली सवाल है."

यह वही जॉर्डन है जिसने ईरानी मिसाइल हमले के दौरान यहूदी देश की रक्षा के लिए अपनी वायुसेना को भी मैदान में उतार दिया था. ट्रंप ने कहा था कि मिस्र और जॉर्डन को गाजा से फलस्‍तीनी लोगों अपने-अपने देशों में लेना चाहिए. वहीं फलस्‍तीनी जनता ने भी ट्रंप के इस प्‍लान को खारिज कर दिया है. फलस्‍तीनी जनता को लगता है कि अगर वे गाजा को छोड़कर जाते हैं तो कभी भी इजरायल उनकी वापसी नहीं होने देगा. आइए समझते हैं पूरा मामला...

ट्रंप ने इन देशों को सुझाव दिया है कि 23 लाख गाजावासियों को या तो अस्‍थायी या फिर स्‍थायी रूप से मिस्र और जॉर्डन में बसा दिया जाए. ट्रंप के इस प्रस्‍ताव को जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने खारिज कर दिया है. उन्‍होंने कहा कि जॉर्डन ट्रंप के इस प्रस्‍ताव को पूरी दृढता और मजबूती के साथ खारिज करता है. मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अल्‍पकालिक और लंबी अवधि के लिए फलस्‍तीनी लोगों को ट्रांसफर करने से यह लड़ाई इलाके के अन्‍य हिस्‍सों में फैल सकती है. इससे लोगों के बीच शांति और सहअस्तित्‍व कम हो सकता है. असल में जॉर्डन और मिस्र में पहले से ही हजारों शरणार्थी मौजूद हैं और ये देश परेशान हैं. अब अगरे सारे गाजावासी यहां पहुंचते हैं तो इन देशों को संभालना मुश्किल हो जाएगा. इजरायल ने इस बारे में अभी कोई बयान नहीं दिया है.

ट्रंप के प्‍लान पर भड़के फलस्‍तीनी

इस बीच ट्रंप के गाजा को 'पूरी तरह से खाली' करने के विचार की फिलिस्तीनी समूहों ने निंदा की है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के विचार को 'युद्ध अपराधों' को बढ़ावा देने वाला बताया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि फिलिस्तीनी संगठन ट्रंप के गाजावासियों को मिस्र और जॉर्डन में भेजे जाने के विचार का विरोध करेगा. हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य बासेम नैम ने कहा, 'जैसा कि हमारे लोगों ने दशकों तक विस्थापन और वैकल्पिक होमलैंड की हर योजना को नाकाम किया है, आगे भी वे ऐसी कोशिशों को नाकाम कर देंगे.'

फिलिस्तीनी ग्रुप इस्लामिक जिहाद ने भी रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजावासियों को मिस्र और जॉर्डन में स्थानांतरित करने के विचार की निंदा की और इसे 'युद्ध अपराधों' को बढ़ावा देने वाला बताया. इस्लामिक जिहाद ने ट्रंप के विचार को 'निंदनीय' बताते हुए कहा, 'यह प्रस्ताव हमारे लोगों को उनकी जमीन छोड़ने के लिए मजबूर करके युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों को बढ़ावा देने के अंतर्गत आता है.' शनिवार को एयरफोर्स वन विमान में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्होंने आज सुबह जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय से बात की और रविवार को बाद में मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी से बात करेंगे.

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31 January 2025, 03:56 PM IST

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