Mosque inauguration: दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद का उद्घाटन, कुतुब मीनार से 4 गुना ज्यादा ऊंचा मीनार
Mosque inauguration:अल्जीरिया ने अफ्रीका की सबसे बड़ी मस्जिद का उद्घाटन किया है. इस मस्जिद के अंदर एक लाख से अधिक लोग एक बार में आ सकते हैं. मस्जिद के अंदर हेलीकॉप्टर लैंडिंग पैड भी बनाया गया है.
Mosque inauguration: अल्जीरिया ने रमजान के पावन महीने से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद का उद्घाटन किया है. यह मस्जिद अफ्रीका महाद्वीप में सबसे बड़ी है. इस मस्जिद का निर्माण राजनीतिक कारणों से कई वर्षों से अटका हुआ था. अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बौने ने सोमवार को उत्तरी अफ्रीकी देश के भूमध्यसागरीय तट पर अल्जीयर्स की ग्रैंड मस्जिद का आधिकारिक उद्घाटन किया.
क्या है मस्जिद का नाम?
इस मस्जिद को स्थानीय रूप से जामा अल-जाजैर के रूप में जाना जाता है. इस मस्जिद में इसमें 265 मीटर की दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है, अल्जीयर्स की ग्रैंड मस्जिद में एक साथ 120,000 लोग नमाज अदा कर सकते हैं. सऊदी अरब के मक्का और मदीना में इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों के बाद यह दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है.
क्यों है खास ये मस्जिद ?
इस मस्जिद को चीन की कंपनी ने बताया है. इसको डिजाइन नए आर्किटेक्चर और अल्जीरियाई की परंपरा को मिलाकर किया गया है, इसका काम 2010 में शुरू हुआ और 14 सालों बाद ये विशाल मस्जिद बनकर तैयार हुई है. इसके अंदर करीब 1,20,000 नमाजी एक बार में आ सकते हैं. इसकी लाइब्ररी में करीब एक मिल्लियन किताबें हैं, साथ ही एक हेलीकॉप्टर लैंडिंग पैड भी है.
इस दौरान वर्ल्ड यूनियन ऑफ मुस्लिम उलेमा के जर्नल सेक्रेटरी अली मोहम्मद सलाबी ने कहा, उद्घाटन मुसलमानों को अच्छाई और संयम की ओर जाएगा, अल्जीरीया ने 1990 के दशक में हुए खूनी गृहयुद्ध के बाद से ही देश में इस्लाम के उदारवादी रूप का बढ़ावा दिया है. इस मस्जिद को भी मार्डन डिजाइन के साथ बनाया गया है. इस विशाल मस्जिद को बनाने के लिए करीब 898 डॉलर का खर्च आया है.
अल्जीरियाई के लोगों के गुस्से को भड़काया
अपने विशाल रूप के अलावा ये मस्जिद अपने काम में देरी के लिए भी चर्चा में रही है. इसके अलावा इस मस्जिद को बनाने के लिए जगह के चुनाव पर भी सवाल उठा रहे हैं, कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि मस्जिद की जगह भूकंपीय खतरों के लिए सुरक्षित नहीं है, सरकार ने इन सब दावों से इंकार किया है, निमार्ण में देरी और लागत में वृद्धि ने अल्जीरियाई के लोगों के गुस्से को कई बार भड़काया है, कुछ लोगों का कहना था कि वो इस कीमत में देश में 4 अस्पताल बनाना चाहेंगे.