World Suicide Prevention Day: जिंदगी बचाने की एक कोशिश! जब कोई रास्ता नजर नहीं आए...इस तरह ख्यालों को रोकने की करें कोशिश

World Suicide Prevention Day 2023: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का मकसद सुसाइड को रोकना और इसे लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना है. क्योंकि आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है.

Lalit Hudda
Edited By: Lalit Hudda

World Suicide Prevention Day 2023: वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे यानी विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाने का मकसद सुसाइड के बढ़ते मामलों रोकना और इसे लेकर लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है. देश के साथ साथ दुनियाभर में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस घोषित किया है.

देश में आय दिन सुसाइड के केस सामने आते रहते हैं. ये पहचान पाना ही मुश्किल हो जाता है कि अपने किसी दोस्त या परिवार के सदस्य के मन में सुसाइड के ख्याल आ रहे हैं. अगर आपको लगता है कि आपका कोई मित्र या परिचित डिप्रेशन में है या फिर उसके मन में सुसाइड जैसा कोई ख्याल आ रहा है तो इसे अनदेखा न करें, बल्कि उसकी मदद करने की कोशिश करें. इसके लिए किसी अच्छे मनोवैज्ञानिक चिकित्सक की सलाह ले सकते हैं. 

वहीं, अगर आप खुद ऐसी स्थिति में आ जाते है, जब आपके मन में आत्महत्या के ख्याल, बेचैनी, डिप्ररेशन में चले जाते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है और न ही मदद मांगने के लिए कतराएं. कुछ ऐसे तरीके है, जिनसे आप ऐसे ख्यालों से खुद को दूर कर सकते हैं. 

2003 में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरूआत

साल 2003 में एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने इसकी शुरूआत की थी. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस उद्देश्य काफी हद तक सफल भी रहा. इसके बाद 2005 में डब्ल्यूएचओ ने औपचारिक रूप से 10 सिंतबर को हर साल विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाने की मान्यता दे दी थी.

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाने का उद्देश्य 

वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे मनाने का उद्देश्य लोगों को आत्महत्या करने से रोकना है, लोगों के अंदर जागरूकता फैलान और लोगों को आत्महत्या करने से कैसे रोका जा सकता है, इस पर ध्यान देकर कार्य करना है.

किशोर और युवा ज्यादा सुसाइड कर रहे 

डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आत्महत्या की वजह से हर साल दुनिया भर में आठ लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा देते है. सुसाइड करने वालों में ज्यादा किशोर और युवा शामिल है. जिनकी उम्र 15 से 29 साल के बीच है. 

ये कुछ तरीके है जिनकी मदद से बुरे ख्यालों से खुद को दूर कर सकते हैं

1.दोस्तों, परिवार और डॉक्टर का नंबर हमेशा साथ रखें, जब भी मन में बुरे आए तो इन्हें इनसे बात करें.

2. फिल्में देखें या गाने सुनें, इससे मन में बुरे ख्यालों पर नहीं टिका रहेगा. 

3. जो कुछ आपको अच्छा लगे वो करिएं, जिन चीजों को महसूस करते है उन्हें लिखिए, परिवार और दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताए. 

4. सकारात्मक होने की कोशिश करिए. जिंदगी में क्या करना है अपना नया गोल सेट करिए और उस पर काम करना शुरू करें. खुद को और अपनी खुशी को प्राथमिकता दें. 

5. ये जरूर ध्यान रखें कि जिंदगी में कठिनाइयां टेम्पोरेरी होती हैं और आप इनसे जरूर पार पा सकते हैं, बस जरूरत है, तो खुद को मानसिक तौर पर मजबूत ​बनाने की. 

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08 September 2023, 11:15 AM IST

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