शी जिनपिंग का 'स्ट्रैटेजिक दौरा', ट्रंप बोले - 'अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की साजिश!'

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बीच शी जिनपिंग ने वियतनाम के साथ 45 समझौते कर दक्षिण-पूर्व एशिया में कूटनीतिक बढ़त बना ली है, जिससे अमेरिका की चिंता बढ़ गई है. इस दौरे को चीन की रणनीतिक जवाबी चाल और अमेरिका के लिए भू-राजनीतिक झटका माना जा रहा है.

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध दिन-ब-दिन और तेज होता जा रहा है. इस टकराव में अब सिर्फ शुल्क या वीजा प्रतिबंध नहीं, बल्कि कूटनीतिक समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के 145% टैरिफ के जवाब में 125% का शुल्क लगाकर जो प्रतिक्रिया दी, अब वो इस जंग में अपने पड़ोसियों को भी साथ लाने के प्रयास में जुट गए हैं. इसी रणनीति के तहत शी 5 दिवसीय दक्षिण-पूर्व एशियाई दौरे पर निकले हैं, जिसका पहला पड़ाव है वियतनाम.

हनोई में शी जिनपिंग का भव्य स्वागत हुआ, जहां उन्होंने वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख टो लैम के साथ 45 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इस कदम को अमेरिका ने गंभीरता से लिया है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे अमेरिका के खिलाफ साजिश करार दिया है.

वियतनाम और चीन के बीच 45 समझौते

शी जिनपिंग की वियतनाम यात्रा के दौरान हुए समझौतों में रेलवे कनेक्टिविटी, सप्लाई चेन, व्यापार, कृषि और हाईटेक उद्योगों में सहयोग जैसे क्षेत्र शामिल हैं. टो लैम के साथ मुलाकात में शी जिनपिंग ने अमेरिका के टैरिफ वॉर को एकतरफा बदमाशी बताते हुए दक्षिण-पूर्व एशिया को चीन के साथ मिलकर इसका विरोध करने का आह्वान किया. शी जिनपिंग ने कहा कि हमें रणनीतिक रूप से फोकस को मजबूत करना चाहिए और अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ खड़े होना चाहिए. 

ट्रंप की प्रतिक्रिया: "चीन की साजिश"

अमेरिका को चीन-वियतनाम की नजदीकी से गहरी चिंता है. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि हनोई में हुई ये बैठक अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की योजना पर केंद्रित थी. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं चीन को दोष नहीं देता, ना ही वियतनाम को... लेकिन ये मीटिंग अमेरिका को नुकसान पहुंचाने के प्लान पर थी. 

अमेरिका को क्यों हो रही है चिंता?

वियतनाम अमेरिका के लिए एक बड़ा निर्यातक है, जहां से इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, फर्नीचर, जूते और खाद्य उत्पाद जैसे काजू, मछली, बादाम बड़ी मात्रा में आते हैं. 2022 में वियतनाम से अमेरिका को निर्यात का मूल्य 127.5 अरब डॉलर था. ऐसे में वियतनाम का चीन की ओर झुकाव अमेरिका के लिए बड़ा झटका है.

दक्षिण-पूर्व एशिया में चीन की सक्रियता बढ़ी

वियतनाम यात्रा के बाद शी जिनपिंग मलेशिया और कंबोडिया जाएंगे, जहां उनके कई और समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. ये चीन की ‘साउथईस्ट एशिया स्ट्रैटेजी’ का हिस्सा है, जिसका मकसद अमेरिका के पारंपरिक सहयोगियों को अपनी ओर लाना है. शी जिनपिंग के इस दौरे के बीच चीन ने अमेरिका के खिलाफ एक और बड़ा फैसला लेते हुए बोइंग विमानों की डिलीवरी लेने से इनकार कर दिया है. ये कदम अमेरिका के रक्षा और विमानन उद्योग के लिए बड़ा आर्थिक झटका माना जा रहा है.

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15 April 2025, 03:55 PM IST

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