यमन ने केरल की नर्स निमिशा प्रिया की मौत की सज़ा को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, भारत बोला- 'पूरी मदद दी जाएगी'

निमिशा प्रिया एक प्रशिक्षित नर्स हैं और उन्होंने कुछ वर्षों तक यमन के निजी अस्पतालों में काम किया है. यमन के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 13 नवंबर को निमिशा प्रिया की मौत की सज़ा के खिलाफ़ अपील को खारिज कर दिया था.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

नई दिल्ली: यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी द्वारा एक भारतीय नर्स की मौत की सजा को मंजूरी देने के बाद, विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह मामले में प्रासंगिक विकल्पों का पता लगाने के लिए हर संभव मदद कर रहा है. केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को एक यमन नागरिक की हत्या के आरोप में कथित तौर पर मृत्युदंड की सजा दी गई है. विदेश मंत्रालय (एमईए) के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें यमन में निमिषा प्रिया की सज़ा के बारे में पता है. हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है. जायसवाल ने मंगलवार को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए यह बयान दिया. निमिशा प्रिया एक प्रशिक्षित नर्स हैं और उन्होंने कुछ वर्षों तक यमन के निजी अस्पतालों में काम किया है. यमन के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 13 नवंबर को निमिशा प्रिया की मौत की सज़ा के खिलाफ़ अपील को खारिज कर दिया था.

निमिषा प्रिया के लिए क्या विकल्प उपलब्ध हैं?

निमिशा प्रिया को तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया है. जुलाई 2017 में महदी की कथित तौर पर मौत हो गई थी, जब प्रिया ने अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया था. यमन के सुप्रीम कोर्ट ने भी कथित तौर पर उसे रक्त-धन का भुगतान करके पीड़ित के परिवार से क्षमादान प्राप्त करके फांसी से बचने का अंतिम विकल्प दिया था.

निमिषा प्रिया के खिलाफ मामला क्या है?

निमिषा प्रिया के पति और बेटी वित्तीय कारणों से 2014 में भारत लौट आए, और वापस नहीं जा सके, क्योंकि यमन में चल रहे गृहयुद्ध के कारण वीजा सेवा बंद कर दी गई थी. बाद में 2015 में, निमिशा ने यमन की राजधानी सना में अपना क्लिनिक स्थापित करने के लिए एक महदी के साथ हाथ मिलाया. क्योंकि यमन के कानून के तहत केवल नागरिकों को ही क्लिनिक और व्यावसायिक फर्म स्थापित करने की अनुमति है. 

दस्तावेजों में हेराफेरी की

निमिशा प्रिया की मां द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि कुछ समय बाद, निमिशा का क्लिनिक शुरू हो गया, महदी ने क्लिनिक के स्वामित्व के दस्तावेजों में हेराफेरी की. उसने सभी को यह बताने के बाद कि निमिशा उसकी पत्नी है, उसकी मासिक आय से पैसे भी लेने शुरू कर दिए. निमिशा ने आरोप लगाया था कि महदी उसे और उसके परिवार को सालों से परेशान कर रहा था. महदी ने उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था. यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि वह यमन छोड़कर न जाए. उसने उसे नशीली दवाओं के प्रभाव में प्रताड़ित किया. उसने उसे कई बार बंदूक की नोक पर धमकाया. उसने क्लिनिक से सारे पैसे और उसके गहने ले लिए.

छह दिनों तक जेल में रखा

याचिका में आगे कहा गया कि निमिशा ने सना में पुलिस से संपर्क किया लेकिन महदी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और छह दिनों तक जेल में रखा. जुलाई 2017 में, निमिशा ने अपने क्लिनिक के पास स्थित जेल के एक वार्डन से संपर्क किया. इसने उसे महदी को बेहोश करने की सलाह दी. उसने पासपोर्ट वापस पाने के लिए महदी को बेहोश कर दिया. लेकिन इसका महदी पर कोई असर नहीं हुआ, जो मादक पदार्थों का सेवन करने वाला था. जब उसने उसे ज़्यादा तेज़ शामक देकर बेहोश करने की कोशिश की, तो महदी की मौत हो गई.

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31 December 2024, 12:09 PM IST

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