Explainer: हमास के लड़ाकों ने सात अक्टूबर को गाजा से अभूतपूर्व हमला कर इजरायली सरकार को हिलाकर रख दिया था, इस हमले में हमास ने सैकड़ों मिसाइल दागीं थी. इसके साथ ही विस्फोटकों से भरे ड्रोन छोड़े. इस आतंकी हमले में इजरायल के 1200 लोग मारे गए और 250 के करीब लोगों को अगवा कर लिया था. वहीं, इसके जवाब में इजरायली सेना ने जमीनी और हवाई कार्रवाई में अनेक हमास के लड़ाकों को मार गिराया. फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अभी तक आईडीएफ के हमले में 23000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है.
हमास के सेना विंग अल-क़ासम ब्रिगेड्स ऐसे चार घातक हथियार की इस्तेमाल कर रही है जिसका पहचाना गया है. इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने दावा किया है कि उसने करीब 8 हजार हमास के लड़ाकों को मार गिराया है. लेकिन उसका अभी पुख्ता सबूत नहीं दिया है. ब्रिटेन और पश्चिम देशों ने हमास को आतंकी घोषित कर दिया है. हमास के द्वारा जिन खतरनाक हथियारों पर चर्चा की जा रही है. वह इस प्रकार है...
इजरायली सेना के द्वारा जमीनी कार्रवाई शुरू होने के बाद कई ऐसे वीडियो सामने आए जिसमें 'यासिन 105 एमएम' एंटी टैंक को देखा गया है और इन्होंने इजरायली सेना के टैंकों पर जमकर हमला बोला हुआ है. इस मिसाइल का नाम हमास के संस्थापक रहे शेख़ अहमद यासिन के नाम पर रखा गया है और रूस निर्मित आरपीजी लॉन्चर से चलाया जाता है. इसकी खासियत यह है कि यह मिसाइल दो बार धमाका करती है. पहला विस्फोट टैंक बख्तर को निशाना बनाता है और दूसरा टैंक को उड़ा देने का काम करता है. ब्रिटिश खूफिया एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि यह हथियार बेहद खतरनाक है और 150 से 500 मीटर तक निशना भेद सकती है. इसकी रफ्तार 300 मीटर प्रति सेकेंड है. वो आगे कहते हैं कि जिस तरह हथियारों से मारक किया जा रहा है वह अत्याधुनिक हथियार है. मिलट्री एक्सपर्ट का मानना है कि हमास के पास यह करीब 2 हजार मिसाइल हैं.
पिछले साल जब हमास ने इजरायल पर हमला किया उस वक्त अल आसेफ की झलक दिखाई गई थी, उस दौरान बताया गया कि इस हथियार का इस्तेमाल हमास के द्वारा किया गया था. लेकिन इस वीडियो को इंटरनेट पर पोस्ट नहीं किया गया था. इस हथियार का इस्तेमाल मानव रहित है. यह पानी के अंदर काम करता है और पानी के अंदर इसकी मारक क्षमता काफी बढ़ जाती है. मिस्त्र की सेना के प्रमुख यासेर रशेम ने कहा कि अल आसेफ का इस्तेमाल पानी के अंदर जांच-पड़ताल, सर्विलांस, ढांचों की जांच और निगरानी के साथ सैन्य अभियान को भी काफी मदद कर सकता है.
7 अक्टूबर के हमले में हमास द्वारा उत्तर कोरियाई 'एफ़7 आरपीजी' हथियार का इस्तेमाल का दावा किया जा रहा है, यह ग्रेनेड उत्तर कोरिया से खरीदा गया है. इस हथियार की पहचान लाल रंग की पट्टी से की जा सकती है. एफ7 आरपीजी की वीडियो सामने आई है. इस हथियारों को कम समय में लोड भी किया जा सकता है और यह भारी वाहनों को उड़ाने की क्षमता रखता है. इस हथियार की क्षमता में हमास ने कई बड़े बदलाव किए हैं. इसमें निकलने वाले छर्रों की जगह बम निकालने की क्षमता वाला हथियार बना दिया गया है. लेकिन इस बात के सबूत इजरायली सेना खोजने में लगी है कि क्या यह विपन उत्तर कोरियो से ईरान के माध्यम से हमास के पास नहीं पहुंचा है. लेकिन इन हथियारों के इस्तेमाल से हमास के लड़ाकों ने मना किया है.
‘द शावाज़’ एक विस्फोटक डिवाइस है जो पास में खड़े किसी वाहन को उड़ाने का दम रखता है, हमास ने इन हथियारों की इस्तेमाल करने की बात कबूली है. इजरायल ने भी जमीनी कार्रवाई के दौरान इस बड़ी खेप पकड़ी और उसको प्रदर्शित किया है. बताया जा रहा है कि इसका स्थानीय स्तर पर प्रोडक्शन हो रहा है. जुलाई 2023 में ब्रिगेडियर अल-कासम ने इन हथियारों की एक बड़ी खेप का वीडियो बनाकर दिखाया था. हमास बेहतर तरीके से इजरायल के अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है, जो युद्ध में करीब से हमला कर पूरी तरीके से तबाह कर सकता है. First Updated : Saturday, 13 January 2024