यूनुस सरकार से बांग्लादेश नहीं संभल रहा. बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. न केवल हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा रहा, बल्कि हिंदुओं पर अत्याचार भी हो रहे हैं. इसके बाद भी शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाले मोहम्मद यूनुस हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं. जिन्होंने खुद शांति की वकालत करके नोबेल पुरस्कार पाया, आज वही युनूस अपने घर में हिंसा की आग को बुझा नहीं पा रहे हैं. उनके नाक के नीचे लगातार हिंदुओं पर जुल्म ढाया जा रहा है. एक बार फिर से बांग्लादेश के चट्टोगाम में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है. बांग्लादेश के चट्टोग्राम में शुक्रवार को नारेबाजी कर रही भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की. इस्कॉन के एक पूर्व सदस्य के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किये जाने के बाद से चट्टोग्राम में विरोध प्रदर्शन जारी है.
शनि मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया
न्यूज पोर्टल ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम' ने अपनी खबर में कहा कि यह हमला बंदरगाह शहर के हरीश चंद्र मुनसेफ लेन में दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ और इस दौरान शांतानेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया गया.समाचार पोर्टल ने मंदिर अधिकारियों के हवाले से बताया, ‘‘नारेबाजी कर रहे सैकड़ों लोगों के एक समूह ने मंदिरों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे शनि मंदिर और अन्य दो मंदिरों के द्वार क्षतिग्रस्त हो गए.''
शांतिनेश्वरी मुख्य मंदिर प्रबंधन समिति के स्थायी सदस्य तपन दास ने bdnews24.com को बताया कि, "जुमा की नमाज़ के बाद सैकड़ों लोगों का एक जुलूस आया. उन्होंने हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए." वेबसाइट ने उनके हवाले से बताया कि, "हमने हमलावरों को नहीं रोका. जब स्थिति बिगड़ गई, तो हमने सेना को बुलाया, जो तुरंत पहुंची और व्यवस्था बहाल करने में मदद की. दोपहर से पहले सभी मंदिरों के द्वार बंद कर दिए गए थे. उपद्रवी बिना किसी उकसावे के आए और हमला कर दिया."
बांग्लादेश के इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के पूर्व सदस्य आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया. मंगलवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया. इससे बांग्लादेश में राजधानी ढाका और चट्टोग्राम सहित कई जगहों पर हिंदू समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए.
गत 30 अक्टूबर को चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दास समेत 19 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन पर हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान चट्टोग्राम के न्यू मार्केट इलाके में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था.
सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करे बांग्लादेश
भारत ने बांग्लादेश में उग्र बयानबाजी और हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. भारत ने यह भी आशा व्यक्त की कि बांग्लादेश में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास से संबंधित मामले को न्यायसंगत, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटाया जाएगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद को बताया कि भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को गंभीरता से लिया है और अल्पसंख्यकों सहित सभी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करना बांग्लादेश की प्राथमिक जिम्मेदारी है.
भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव
अगस्त में बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। भारत उस देश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर चिंता व्यक्त करता रहा है. जयशंकर ने कहा कि अल्पसंख्यकों सहित बांग्लादेश के सभी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार की है. उन्होंने कहा कि ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों से संबंधित स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है.
अल्पसंख्यकों की रक्षा का आह्वान
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आह्वान किया और उम्मीद जताई कि गिरफ्तार चिन्मय कृष्ण दास से जुड़े मामले को न्यायसंगत, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटाया जाएगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश सरकार के समक्ष हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ खतरों और लक्षित हमलों का मुद्दा लगातार और दृढ़ता से उठाया है. First Updated : Saturday, 30 November 2024