दुनिया में हरियाली कम होती जा रही है और ऐसे में लोग इनडोर प्लांट्स के जरिए घर में हरियाली रखने की कोशिश करते हैं। इनडोर प्लांट्स की बात हो तो सबसे पहले हरे भरे मनीप्लांट का नाम जुबान पर आता है। इसके हरे भरे ऊंचाई की ओर बढ़ते पत्ते मन मोह लेते हैं। ये मिट्टी और पानी दोनों में ही खूब ग्रोथ करता है। कई बार लोगों को शिकायत होती है कि उनका मनीप्लांट ग्रोथ नहीं कर रहा है या फिर पत्ते पीले आ रहे हैं। दूसरे पौधों की तहर मनीप्लांट को भी सही देखभाल की जरूरत होती है। अगर आपके भी घर में मनीप्लांट है तो उसकी केयर करने के ये तरीके सीख लीजिए ताकि सही केयर और पोषण से आपके घर में मनीप्लांट के पत्ते हमेशा बढ़ते रहें और स्वस्थ रहें।
समय समय पर दें खाद
मनीप्लांट को बाकी पौधों की तरह खाद की जरूरत पड़ती है। बाजार से कई तरह की खाद मिल जाएगी, लेकिन अगर आप सीवीड यानी लिक्विड खाद डालेंगे तो मनीप्लांट की सेहत बेहतर हो जाएगी।
ज्यादा धूप ना दिखाएं
मनीप्लांट इनडोर पौधा है, इसे ज्यादा धूप की जरूरत नहीं पड़ती इसलिए इसे घर के अंदर ही प्लांट करना चाहिए। अगर ज्यादा धूप पड़ेगी तो इसके पत्ते कुम्हला जाएंगे औऱ पीले होकर झड़ने लगेंगे। इसलिए कोशिश करें कि मनीप्लांट के घर के अंदर छायादार जगह पर ही लगाएं।
पानी देने की सही तरीका
मनीप्लांट को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। सर्दियों में इसे हफ्ते में एक बार और वसंत और गर्मियों में एक दिन छोड़कर एक दिन पानी देना काफी होती है। मनीप्लांट को बहुत ज्यादा या बहुत कम पानी नहीं देना चाहिए।
जल निकासी पर ध्यान दें
मनीप्लांट यूं तो पानी में भी लगाया जाता है लेकिन अगर आपने मिट्टी में लगाया है तो ध्यान देना चाहिए कि गमले में पानी की निकासी सही तरह से होनी चाहिए यानी अतिरिक्त पानी सही से निकल जाए। गमले की मिट्टी में थोड़ी सी रेत भी मिलानी चाहिए ताकि पानी जमा होने पर मिट्टी चिपचिपी ना होने पाए।
अगर आपका मनीप्लांट पानी में लगा है और ग्रोथ कम हो रही है तो एस्पिरिन की एक गोली बोतल में डाल दीजिए। इससे मनी प्लांट को पोषण मिलेगा और ग्रोथ तेज हो जाएगी।
मनी प्लांट के पानी की बोतल में रोज ही पानी बदलना चाहिए। साफ पानी में मनीप्लांट तेजी से पनपता है।
प्लास्टिक या कंटेनर से बचिए
अगर आपने घर में प्लास्टिक की बोतल में मनीप्लांट लगाया है तो उसे कांच की बोतल में लगाइए। इसी तरह प्लास्टिक के गमले की जगह मिट्टी के गमले में मनीप्लांट लगाना चाहिए। इससे इसे पर्याप्त पोषण और ह्यूमिडिटी मिलती है।