पर्यावरण पर हमारा जीवन पूरी तरह से निर्भर हैं क्योंकि एक स्वच्छ वातावरण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव हैं। पर्यावरण जीवन यापन के लिए बहुत उपयोगी चीजें हमें उपहार स्वरूप देता हैं। इसलिए हमें पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सकरात्मक कदम उठाने चाहिए। लेकिन ऐसे भी लोग हैं जो प्राकृतिक समावेश को खराब करने की कोशिश करते हैं तो इसके लिए भारत सरकार की ओर से वातावरण को बचाने के लिए कानून भी बनाए गए हैं ।
आइए जानते हैं पर्यावरण संबंधी कानून के बारे में-
1.वायु निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम,1981: बढ़ते औद्योगीकरण के कारण पर्यावरण में लगातार हो रहे वायु प्रदूषण को रोकने के लिए इस अधिनियम को बनाया गया हैं।साथ ही इसमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में एयर क्वालिटी और वायु प्रदूषण का नियंत्रण भी शामिल हैं।इस अधिनियम के तहत कोई भी इंडस्ट्री तेज आवाज में तकनीकी उपकरण का प्रयोग नही कर सकती क्योंकि ऐसा करने से वायु प्रदूषण होता हैं।
2. राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 : इस अधिनियम के तहत पर्यावरण से संबंधित कानूनी अधिकारों के प्रवर्तन के साथ ही व्यक्तियों, संपत्ति के नुकसान के लिए सहायता और क्षतिपूर्ति देने या इससे जुड़े मामलों सहित पर्यावरण संरक्षण और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और तुरंत निपटाने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्थापना की गई।
3.जल प्रदूषण निवारण और नियंत्रण अधिनियम 1974 : इस अधिनियम का उद्देश्य ये है कि जल की गुणवत्ता को बचा के रखना और साथ ही जल प्रदूषण को भी रोकना। जल को उपयोग करने के लिए स्वस्थ बना के रखना और इसके अलावा जल को उसकी पहली जैसी अवस्था में लाना भी इस अधिनियम का काम हैं।
4.पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 : इस पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य मानव पर्यावरण में सुधार और संरक्षण करना हैं।इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात ये हैं कि ये घटित होने वाली परिस्थितियों को पहले से ही रोकने का उपाय बताता हैं।
पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए हमें वातावरण को साफ बनाए रखना होगा क्योंकि धरती पर ही जीवन मुमकिन हैं। साथ ही हमें पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखने के लिए उचित कदम भी उठाने चाहिए, ये हम सभी की जिम्मेदारी हैं। First Updated : Tuesday, 29 March 2022