बदलता मौसम और प्रदूषण सेहत ना कर दें खराब, जान लें बचाव के तरीके
धीरे-धीरे मौसम में ठंड दस्तक दे रही है और प्रदूषण बढ़ रहा है। त्योहारों में बिजी होने की वजह से हम इन सब पर ध्यान ही नहीं दे पा रहे हैं लेकिन सेहत से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए साल का ये समय परेशानी बढ़ाने वाला होता है।
धीरे-धीरे मौसम में ठंड दस्तक दे रही है और प्रदूषण बढ़ रहा है। त्योहारों में बिजी होने की वजह से हम इन सब पर ध्यान ही नहीं दे पा रहे हैं लेकिन सेहत से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए साल का ये समय परेशानी बढ़ाने वाला होता है। इसलिए अगर सेहत पर थोड़ा-सा ध्यान देंगे तो बदलते मौसम की बेहतर शुरुआत की जा सकती है।
विशेषज्ञ के मुताबिक इसी मौसम में जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ती है। हृदय, फेफड़े, उच्च रक्तचाप और त्वचा रोगों से जूझने वालों के लिए शुरुआत से खास ध्यान रखना त्योहार और सर्दियां दोनों को बेहतरीन बना सकता है।
सांस से जुड़ी समस्याएं
दरअसल जैसे-जैसे मौसम में ठंड बढ़ती है तो सांस के मरीजों के लिए परेशानी होती है। फेफड़ों से जुड़ी बीमारी जैसे- ब्रॉन्काइटिस, अस्थमा, एबीपीए, पीएएच और सीओपीडी के लक्षण गंभीर बन जाते हैं। पटाखों से निकलने वाले धुएं में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा ज्यादा होती हैजो सांस की नली में जाकर परेशानी कर सकता है। इसके लिए हम आपको बचाव के कुछ उपाय बता रहे हैं।
कैसे करें बचाव
-घर से बाहर निकलते समय एन 95मास्क लगाएं।
- घर में साफ-सफाई मुंह ढककर करें।
- सीने में जकड़न महसूस होने पर सुबह-शाम भाप लें।
- इन्हेलर, नेबुलाइजर और दवाएं लेने में बिल्कुल भी परहेज ना बरतें।
जोड़ों की समस्या
ठंड के समय में जोड़ों की तकलीफ भी बढ़ने लगती है हालांकि जोड़ों के दर्द का मुख्य कारण गठिया होता हैपर ठंड में तापमान कम होने की वजह से मांसपेशियां ऐंठने लगती हैं। इसी वजह से ठंड की शुरुआत होते ही जोड़ों की दर्द होना शुरु हो जाता है। इसके बचाव के लिए
- जिन्हें जोड़ों की समस्या है वे ऐसे काम न करें ।
- जोड़ों को ठंडी और गर्म हवा से बचाएं। साथ ही शुरुआत से ही ठंडे व गर्म पानी की सेंक दें।
त्वचा संबंधी बीमारी
मौसम बदलने पर सबसे ज्यादा असर हमारी स्किन पर पड़ता है। क्योंकि मौसम में बढ़ती ठंडक त्वचा की नमी को छीन लेती है। ऐसे लोग जो पानी कम पीते हैं, उनमें त्वचा की समस्याएं, जैसे सुखी त्वचा, ऐड़ियां फटना, खुजली खासतौर पर देखने को मिलते हैं। इस मौसम में सोराइसिस, एग्जिमा, डर्मेटाइटिस और एटोपिक डर्मेटाइटिस और डैंड्रफ के मामले बढ़ जाते हैं।
कैसे करें बचाव
- शरीर को ढक कर रखें ।
- बाहर से आने पर अच्छी तरह साफ पानी से चेहरा धोएं।
- भरपूर पानी पिएं।
-छोटे बच्चों को धूल-मिट्टी वाली जगह पर अकेला न छोड़ें।
-पटाखे जलाते समय बड़ों की मौजूदगी और निगरानी जरूरी है।
- सुबह सबसे पहले एक गिलास गुनगुना पानी जरूर पिएंइससे मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहेगा।
- अपनी डायट में मौसमी फल, छाछ, हरा सलाद और दही शामिल करें।
- बासी और ठंडी चीजों का न करें सेवन। सुबह का नाश्ता जरूर करें।