नहाना शरीर को स्वच्छ रखने के लिए जितना जरूरी है, उतना ही एक हेल्दी हैबिट के तौर पर इसे देखा जाता है. बढ़े बूढ़े और डॉक्टर भी कहते हैं अच्छी सेहत और अच्छी आदत के तौर पर नियमित तौर पर नहाना चाहिए. भारत की बात करें तो स्नान को सेहत और आदत से जोड़कर देखा गया है और कुछ लोग तो सामाजिक दबाव में रोज नहाते हैं. दूसरी तरफ दुनिया के कई देशों में रोज नहाना जरूरी नहीं माना जाता, खासकर ठंडे देशों में लोग सप्ताह में दो या तीन बार ही नहाते हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि क्या वाकई रोज नहाना जरूरी है.
इस संबंध में हेल्थ एक्सपर्ट की अलग अलग राय हो सकती है. कई हेल्थ और स्किन एक्सपर्ट कहते हैं कि सर्दियों में रोज नहाना ना तो जरूरी है और ना ही फायदेमंद। इतना ही नहीं डरमेटोलॉजिस्ट तो रोज स्नान से शरीर को नुकसान भी होने की बात भी करते हैं। चलिए जानते हैं कि रोज नहाना जरूरी है या नहीं. हेल्थ एक्सर्ट कहते हैं कि नहाने के दिन इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप कैसे पानी से और किस तरह नहा रहे हैं. यानी ठंडे पानी से नहा रहे हैं, या गर्म पानी से. नहाते वक्त रोज साबुन लगाते हैं या नहीं.
एक्सपर्ट कहते हैं कि आदत से अलग अगर सेहत के नजरिए से देखा जाए तो रोज नहाना कहीं से भी जरूरी नहीं माना जाता. रोज नहाने से शरीर की त्वचा रूखी और बेजान होती है क्योंकि रोज नहाने और साबुन लगाने से शरीर का नेचुरल ऑयल निकल जाता है और शरीर के लिए फायदेमंद बेक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं. इसलिए साबुन लगाकर रोज नहाना घाटे का सौदा हो सकता है, खासकर सर्दियों में अगर आप किसी एंटी बेक्टीरियल साबुन को रोज शरीर पर लगा रहे हैं तो ये चिंता की बात भी हो सकती है.
इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर संभव है तो सर्दियों में एक दिन छोड़कर या सप्ताह में तीन दिन नहाना पर्याप्त होता है. गर्मियों की बात करें तो गर्मियों में रोज नहाया जा सकता है. इससे शरीर पर जमा मैल, पसीना आदि निकलते हैं. लेकिन गर्मियों में भी रोज शरीर पर साबुन नहीं लगाना चाहिए। ठंडे पानी से स्नान करने पर ना केवल थकान मिटती है बल्कि शरीर को एनर्जी भी मिलती है. इसलिए गर्मियों में रोज स्नान किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि रोज साबुन लगाने की बजाय किसी दिन बेसन, हल्दी या अन्य नेचुरल उबटन आदि का प्रयोग करना चाहिए ताकि त्वचा रूखी ना हो और उसे पूरा पोषण मिलता रहे. First Updated : Sunday, 05 February 2023