दशहरा पर राम सीता के रिश्ते से जरूर लें ये सीख, बना रहेगा प्यार और आपसी सम्मान

अक्सर जब भी बात आदर्श पुरुष की हो या आदर्श पति-पत्नी की तो लोग आज भी भगवान श्रीराम का उदाहरण देते हैं जो कि भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे। एक राजा होते हुए भी प्रभु श्रीराम की एक ही पत्नी और रानी थीं

Sagar Dwivedi
Edited By: Sagar Dwivedi

अक्सर जब भी बात आदर्श पुरुष की हो या आदर्श पति-पत्नी की तो लोग आज  भी भगवान श्रीराम का उदाहरण देते हैं जो कि भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे। एक राजा होते हुए भी प्रभु श्रीराम की एक ही पत्नी और रानी थीं, जिनका नाम सीता था। अगर हम बात माता सीता की करें तो उनकी पवित्रता आदर्श पत्नी होने के कई उदाहरण राम चरित मानस में भी देखने को मिलते हैं। आज देशभर में विजहदशमी का त्योहार मनाया जा रहा है। तो इस खास मौके पर आपको भगवान श्री राम और माता सीता के रिश्ते से जुड़ी कुछ ऐसी सीख जो हर मैरिड कपल को पता होनी चाहिए।

मुश्किल समय में दें एक दूसरे का साथ

वैसे तो माता सीता एक राजकुमारी थीं। इसके बावजूद पति श्रीराम के वनवास जाने के फैसले पर उन्होंने उनका साथ दिया और खुद भी 14 साल तक पति श्री राम के साथ जंगलों में रहने को तैयार हो गईं।

पैसा नहीं बल्कि देखें गुण

माता सीता के स्वयंवर में बड़े-बड़े राजा, महाराजा शामिल हुए थे लेकिन सीता माता का विवाह श्री राम से हुआ जबकि श्री राम तब तक अयोध्या के राजा भी नहीं बने थे। उन्होंने बुरे समय में भी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा।

झगड़े का न पड़ने दें बच्चों पर बुरा असर

जकल के कपल्स के बीच अगर कभी लड़ाई-झगड़ा हो जाता है तो वो एक दूसरे एकदूसरे की बुराई दूसरे लोगों से करना शुरू कर देते हैं। लेकिन माता सीता जब लव और कुश के साथ भगवान श्री राम से अलग रह रही थी कभी भी भगवान राम के लिए अपने मन में कोई बुरा विचार तक नहीं आने दिया। यही वजह है कि लव और कुश ने भी अपने पिता को हमेशा सम्मान की दृष्टि से ही देखा। आप भी इस दशहरा अगर भगवान श्रीराम और माता सीता के जीवन से जुड़ी इन बातों को अपने जीवन में अपनाएंगे तो आपका जीवन भी सुखमय हो जाएगा। 

calender
05 October 2022, 11:43 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो