नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं में है कैंसर का खतरा, हो जाएं सावधान
आज के दौर में डिजीटल टेक्नोलॉजी की ने इंसान की जीवन एक तरफ सुखमय बना दिया है तो दूसरी तरफ उसकी चुनौतियों को भी बढ़ा दिया है। लोग अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए जी-जान से मेहनत करते हैं। अपना बेस्ट देने के लिए कई बार लोग कुछ समझौते कर लेते हैं
आज के दौर में डिजीटल टेक्नोलॉजी की ने इंसान की जीवन एक तरफ सुखमय बना दिया है तो दूसरी तरफ उसकी चुनौतियों को भी बढ़ा दिया है। लोग अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए जी-जान से मेहनत करते हैं। अपना बेस्ट देने के लिए कई बार लोग कुछ समझौते कर लेते हैं लेकिन कई बार ये समझौते ही नुकसानदायक साबित हो जाते हैं। अब नाइट शिफ्ट की ही बात कर लें तो इसांन काम करने में परहेज नहीं करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाइट शिफ्ट में काम करना बेहद खतरनाक हो सकता है। सेफ्टी की निगाह से नहीं बल्कि महिलाओं ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है।
ऐसा हम नहीं बल्कि कुछ रिपोर्ट्स कहती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिकजो महिलाएं लंबे समय तक नाइट शिफ्ट में काम करती हैंउनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसे लेकर दुनियाभर में रिसर्च हो चुकी है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी ने रिसर्च की जिसमें इसका खुलासा हुआ है। इस रिसर्च में नाइट शिफ्ट में काम करने वालों को स्किन कैंसर के साथ-साथ लंग कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर का नाइट शिफ्ट से कनेक्शन?
दरअसल जब आप रात में काम करती हैंतो इससे आप लाइट के संपर्क में आती हैं। ये लाइट आपके सर्कैडियन रिदम में गड़बड़ी का कारण बनते हैं। इससे आपके शरीर में प्रोलैक्टिन, ग्लुकोकोर्टिकोइड्स, एड्रेनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन, सेरोटोनिन और मेलाटोनिन सहित कई हार्मोन के बहाव में भी समस्या पैदा हो जाती है। यही वजह है कि ये ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा एक कारण ये भी हो सकता है कि रात में करीब 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी होता है क्योंकि जो सेल्स रात की नींद में बनती है वो दिन की नींद में आराम नहीं ले पाती है। इसलिए महिलाएं खासतौर पर सावधान हो जाएं नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए।