इस उम्र तक गिरने पर भी नहीं लगती बच्चे के सिर में चोट, डॉक्टर से जानें कब है चिंता की बात
शिशु और टॉडलर बच्चों का टेबल के कोने, बेड कि किनोर से सिर पर लगना आम बात है। लेकिन किसी ऊंची जगह से गिरने पर भी बच्चें के सिर पर सूजन और दर्द हो सकता है। कई बार पैरेंट्स इस चीज को इग्नोर कर देते हैं तो कुछ पैरेंट्स को चिंता ज्यादा ही बनी रहती है। अगर आप इस बात को लेकर परेशानी में हैं कि आपके बच्चें की सिर की चोट नॉर्मल है या गंभीर तो आप कैसे जान सकते हैं ये हम आपको बताते हैं।
शिशु और टॉडलर बच्चों का टेबल के कोने, बेड कि किनोर से सिर पर लगना आम बात है। लेकिन किसी ऊंची जगह से गिरने पर भी बच्चें के सिर पर सूजन और दर्द हो सकता है। कई बार पैरेंट्स इस चीज को इग्नोर कर देते हैं तो कुछ पैरेंट्स को चिंता ज्यादा ही बनी रहती है। अगर आप इस बात को लेकर परेशानी में हैं कि आपके बच्चें की सिर की चोट नॉर्मल है या गंभीर तो आप कैसे जान सकते हैं ये हम आपको बताते हैं।
अगर पीडियाट्रिशियन्स की मानें तो आमतौर पर दो साल के बच्चों तक खोपड़ी फ्लेक्सिबल होती है। उसकी संरचना जमी नहीं और फ्यूज नहीं हुई होती है। ये हर बार स्प्रिंग की तरह काम करता है और सिर पर कोई भी चोट लगने पर शॉक को सोख लेता हैजिससे बच्चे का सिर चोट लगने से बच जाता है।
डॉक्टर के मुताबिक अगर कोई बच्चा चार फीट से ज्यादा दूरी से गिरता है तो उसे सिर में गहरी चोट लग सकती है।
बच्चेी का गिरना
जब बच्चे मेज या पलंग से गिरते हैं और उनका सिर पहले जमीन पर लगा या बच्चे को पकड़ने वाला इंसान फिसल गया और पहले सिर गिर गया तो बच्चे को गंभीर चोट लग सकती है।
सिर पर तेजी से सूजन का बढ़ना
अगर अचानक सिर के एक हिस्से में तेजी से बढ़ने वाली सूजनदिखे तो बच्चों में सिर की चोट का एक साफ संकेत हो सकता है। यदि ये 'घंटे के हिसाब से बढ़ रहा है' तो डॉक्टर तुरंत कोई एक्शरन लेने की सलाह देते हैं।
बच्चे में सुस्ती होना
अगर बच्चा जाग रहा है लेकिन खुद को सीधे रखना मुश्किल हो जाता है और गिरता रहता है। या फिर गिरने या टक्कर के बाद बच्चों में किसी भी तरह के डगमगाने या चल ना पाने की समस्या दिखाई देती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।