कोरोना वायरस और मंकीपॉक्स के बाद आया टोमैटो फीवर, जानें क्या हैं लक्षण?

टोमैटो फीवर (टमाटर बुखार) हिन्दुस्तान में तेजी से फ़ैल रहा है। माना ये जा रहा है कि टोमैटो फीवर बच्चों (ज्यादातर 5 वर्ष या उससे कम) को अपनी चपेट में ले रहा है।

Tomato Fever In India: टोमैटो फीवर (टमाटर बुखार) हिन्दुस्तान में तेजी से फ़ैल रहा है। माना ये जा रहा है कि टोमैटो फीवर बच्चों (ज्यादातर 5 वर्ष या उससे कम) को अपनी चपेट में ले रहा है। और त्वचा में जलन, त्वचा में लाल रंग के चकत्ते और डिहाइड्रेशन का कारण बनता है। क्या है टोमैटो फीवर, कैसे फैलता है और किस तरह के उपाय करके इससे बचा जा सकता है? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में -

पूरे विश्व के साथ - साथ भारत पिछले कुछ सालों से कोरोना महामारी से लड़ रहा है। कोरोना महामारी के बाद मंकीपॉक्स ने दुनियाभर की मुश्किलें बढ़ाई लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती क्योंकि अब एक नई बीमारी ने भारत में दस्तक दी है। हैंड फुट माउथ डिजीज, (हाथ, पैर और मुंह की बीमारी) जिसे टोमैटो फीवर (टमाटर बुखार) के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गई है क्योंकि टोमैटो फीवर बच्चों में तेजी से फैल रहा है। टोमैटो फ्लू का पहला मामला 6 मई 2022 को केरल से सामने आया था, और अब तक इसके 80 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। टोमैटो फीवर एक से पांच वर्ष की आयु के बच्चों और जिन वयस्कों में इम्यूनिटी कम (कमजोर) है, उन्हीं लोगों को अपना शिकार बनाता है।

इसके बारे में लैंसेट स्टडी में कहा गया है कि हम जिस तरह कोविड-19 की चौथी लहर के खतरे से निपट रहे हैं उस हालात में (टोमैटो फीवर) नए प्राणघातक वायरस का आना बेहद चिंताजनक है यह वायरस केरल राज्य में 5 साल कम से उम्र के बच्चों में दिखाई दिया है। अभी तक इसके 80 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसे में इस वायरस से बचे रहने के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि टोमैटो फीवर आखिर है क्या और यह कैसे फैलता है? इसके लक्षण क्या है और इससे बचा कैसे जा सकता है?

टोमैटो फीवर बच्चों में डेंगू या चिकनगुनिया बुखार के बाद हो सकता है। इसका नाम टोमैटो फीवर इसलिए है क्योंकि इस वायरस के प्रवेश करते ही पूरे शरीर में लाल और दर्द वाले चकत्ते (फफोले) हो जाते हैं। इन चकत्तों का आकार टमाटर जितना भी हो सकता है।

किन लोगों को है टोमैटो फीवर का जोखिम? (Who is at risk of tomato Fever?)

बच्चों को (जिनकी उम्र 5 वर्ष या उससे कम है) टोमैटो फीवर के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस उम्र में बच्चों पर वायरल संक्रमण बहुत जल्दी हावी हो जाते हैं। डाक्टरों द्वारा दी गई चेतावनी के अनुसार पांच साल से कम उम्र के बच्चे इस स्थिति से काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं। मूल रूप से टोमैटो फीवर अत्यधिक संक्रामक होने के बावजूद भी जान के लिए जोखिम पैदा नहीं करता।

टोमैटो फीवर के लक्षण (Symptoms of tomato Fever)-

टोमैटो फीवर वाले बच्चों में दिखने वाले शुरुआती लक्षण चिकनगुनिया या डेंगू बुखार के समान ही होते हैं। जैसे - तेज बुखार, फफोले, जोड़ों में सूजन और दर्द, डिहाइड्रेशन, मतली, दस्त, शरीर दर्द, और थकान भी शामिल है।

किन कारणों से होता है टोमैटो फीवर? (What causes tomato Fever?)

इसका विशेष कारण जानने के लिए वैज्ञानिक अभी रिसर्च कर रहे हैं, वैज्ञानिकों द्वारा सुझाव दिया गया है कि टोमैटो फीवर डेंगू या चिकनगुनिया का दुष्प्रभाव हो सकता है। अभी तक यह जानकारी नहीं हो पाई है कि यह किस वायरस के कारण फ़ैल रहा है या किस वायरस से संबंध रखता है।

यह जानना भी है जरूरी- (It is also important to know)

डॉक्टर्स कहते हैं कि टोमैटो फीवर से बचे रहने के लिए साफ़ - सफाई में ध्यान रखने की आवश्यकता है। यह वायरस पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अत्यधिक संवेदनशील (खतरनाक) माना जा रहा है। अगर किसी भी व्यक्ति को अपने बच्चों में ये लक्षण नजर आते हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर्स या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। जो लोग या बच्चे टोमैटो फ्लू से संक्रमित हो गए हैं उनको फफोले फोड़ने या खरोचने से बचना चाहिए और पानी का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए। अगर किसी को कोई लक्षण दिखते हैं तो इसका ये मतलब नहीं है कि उसे टोमैटो फीवर (टमाटर बुखार) ही है।

calender
21 August 2022, 05:29 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो