इस तरह चलने से नहीं आती कैंसर की लास्ट स्टेज,करोड़ों लोगों को मिली उम्मीद
साल 2020में दुनियाभर में कैंसर के कारण करीब 1करोड़ लोगों की जान चली गई थी। इन डरावने आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने करोड़ लोग कैंसर के शिकार हैं। लेकिन हाल ही में एक नई स्टडी सामने आई है जिसने कैंसर के मरीजों के लिए नई उम्मीद जगा दी है। दरअसल इस स्टडी में दावा किया गया है कि एरोबिक एक्सरसाइज करने से कैंसर लास्ट स्टेज में पहुंच ही नहीं पाता।
साल 2020में दुनियाभर में कैंसर के कारण करीब 1करोड़ लोगों की जान चली गई थी। इन डरावने आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने करोड़ लोग कैंसर के शिकार हैं। लेकिन हाल ही में एक नई स्टडी सामने आई है जिसने कैंसर के मरीजों के लिए नई उम्मीद जगा दी है। दरअसल इस स्टडी में दावा किया गया है कि एरोबिक एक्सरसाइज करने से कैंसर लास्ट स्टेज में पहुंच ही नहीं पाता।
क्या कहती है स्टडी
बता दें कि स्टडी के मुताबिक एरोबिक एक्सरसाइज करने से मेटास्टेटिक कैंसर का खतरा 72प्रतिशत तक कम हो जाता है क्योंकिइंटेंस एरोबिक एक्सरसाइज करने से शारीरिक अंग ज्यादा ग्लूकोज की खपत कर लेते हैं। इसकी वजह से ट्यूमर को फैलने के लिए एनर्जी नहीं मिल पाती।
सबसे खतरनाक कैंसर है Metastatic Cancer
जानकार के मुताबिक जब कैंसर सबसे खतरनाक रूप ले लेता है और अपनी जगह से दूसरे अंगों तक फैलने लगता हैतो उसे मेटास्टेटिक कैंसर कहा जाता है यानि ये कैंसर की लास्ट स्टेज होती है।
ये हैं कैंसर की लास्ट स्टेज के लक्षण
अब अगर कैंसर की लास्ट स्टेज यानी मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण की बात करें तो
•हड्डियों तक कैंसर पहुंचने पर दर्द और फ्रैक्चर हो जाता है
•दिमाग तक कैंसर पहुंचने पर सिरदर्द, दौरा पड़ना या चक्कर आने जैसी समस्या हो जाती है
•फेफड़ों तक कैंसर पहुंचने पर सांस फूलने लगती है
•लिवर तक कैंसर पहुंचने पर पीलिया और पेट से जुड़े रोग होने लगते हैं
कहा जाता है कि इंटेंस एरोबिक एक्सरसाइज कैंसर को लास्ट स्टेज तक नहीं पहुंचने देती है। बल्कि कैंसर लास्ट स्टेज से पहले ही ठीक हो जाता है। जिन एक्सरसाइज को करने पर आपकी धड़कन और सांसें तेज हो जाएंउसे एरोबिक एक्सरसाइज कहते हैं। इसे कार्डियो भी कहा जाता है।खास बात ये है कि एरोबिक एक्सरसाइज को घर, जिम या घर से बाहर किया जा सकता है।