ओमेगा-3 फैटी एसिड क्या है, इसके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं?
कई हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि सभी लोगों को हफ्ते में दो बार मछलियों का सेवन करना चाहिए।ताकि ओमेगा-3 की भरपूर मात्रा प्राप्त हो सके। कहा जाता है कि अधिकतर मछलियों में ओमेगा-3 की मात्रा भरपूर पाई जाती है जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होने के साथ ही आंखों के लिए भी लाभदायक होती है।
ओमेगा-3 हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है साथ ही यह हमारे शरीर की सभी प्रकार की बीमारियों को दूर करने में भी काफी मददगार माना जाता है।यह अखरोट जैसे सूखे मेवों,अलसी, सूरजमुखी, सरसों के बीज, सोयाबीन, गोभी, ब्रोकली, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियों व कई प्रकार के फलों में पाया जाता है।ओमेगा-3 एक ऐसा हेल्दी फैटी एसिड है जो शरीर के लिए काफी जरुरी होता है।
आपको बता दें कि यह एसिड शाकाहारी व मांसाहारी दोनों ही तरह के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। कई हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अधिकतर इसका स्त्रोत मछलियों में होता है।यदि किसी भी व्यक्ति को दिल की बीमारी हो जाती है तो उसके लिए ओमेगा-3 काफी लाभदायक साबित होता है। कई हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि सभी लोगों को हफ्ते में दो बार मछलियों का सेवन करना चाहिए।ताकि ओमेगा-3 की भरपूर मात्रा प्राप्त हो सके। कहा जाता है कि अधिकतर मछलियों में ओमेगा-3 की मात्रा भरपूर पाई जाती है जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होने के साथ ही आंखों के लिए भी लाभदायक होती है।
आप ने देखा होगा कि कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें मछलियां खानी पसंद नहीं होती है साथ ही उनसे दूर रहते हैं।ऐसे लोगों के शरीर में ओमेगा-3 की कमी आ जाती है जिसके कारण लोग ओमेगा-3 के शिकार हो जाते हैं।ओ
ओमेगा-3 के प्रभाव
कई लोगों का कहना है कि ओमेगा-3 दवाओं और मेडिकल कंडिसन्स पर गंभीर रुप से असर डालता है। यदि किसी व्यक्ति को इस्तेमाल करना है तो किसी भी अच्छे डॉक्टर के पास जाकर सलाह ले सकते हैं। कई ऐसे लोग होते हैं जिन्हें ब्लीडिंग या खून बहने की समस्या होती है या किसी प्रकार की दवा ले रहे हैं जिससे रक्तस्राव को बढ़ाया जा सकता है जैसे कौमेडिन, प्लाविक्स, एफर्टिएंट ब्रिलिंटा इसके साथ ही एनेसएआइडी ऐसी स्थिति में किसी भी ओमेगा-3 सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।