ये है दुनिया का सबसे खतरनाक पौधा, जिसे छूने के बाद इंसान मरने की ख्वाहिश करने लगता है

पेड़-पौधे जहां दुनिया के लिए लाभकारी माने गए हैं, वहीं इसी दुनिया में कई तरह की खतरनाक वनस्पति भी पाई जाती हैं, जिनका सेवन इंसान से लेकर पशु-पक्षियों को लिए घातक होता है। लेकिन आज जिस पौधे के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, उसका सेवन तो दूर की बात है उसे छूना मात्र ही जानलेवा साबित होता है।

calender

पेड़-पौधे जहां दुनिया के लिए लाभकारी माने गए हैं, वहीं इसी दुनिया में कई तरह की खतरनाक वनस्पति भी पाई जाती हैं, जिनका सेवन इंसान से लेकर पशु-पक्षियों को लिए घातक होता है। लेकिन आज जिस पौधे के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, उसका सेवन तो दूर की बात है उसे छूना मात्र ही जानलेवा साबित होता है।

सुसाइड प्लांटके नाम से मशहूर है ये खतरनाक पौधा

दरअसल, हम बात कर रहे हैं ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले पौधे जिम्पाई-जिम्पाई (Gympie-Gympie) की, जिसे ‘सुसाइड प्लांट’ (Suicide-plant) भी कहा जाता है। क्योंकि इसे छूने मात्र से शरीर में वो तेज दर्द उठता है, जिसे निजात पाने के लिए लोग मौत को ही गले लगा लेते हैं। बताया जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के जंगलों से गुजरते वक्त कई आर्मी अफसर भी खतरनाक पौधे के संपर्क में आए थे। इनमे से कईयों ने असहनीय दर्द के चलते जहां खुद को गोली मार ली तो वहीं कुछ सैनिक जीवनकाल तक दर्द की पीड़ा से गुजरे। इसके बाद क्वींसलैंड की वाइल्डलाइफ सर्विस ने जंगल में राहगीरों के लिए एक मार्गदर्शिका निकाली और उन्हें इस खतरनाक पौधे से दूर रहने की शख्त हिदायत दी।

बिजली के तेज झटके और बॉडी पर एसिड जैसा असर डालता है

यहीं नहीं इस पौधे का शिकार कई वनस्पति शोधकर्ता भी हो चुके हैं। जैसे कि सालों पहले ऑस्ट्रेलिया के जगंलों में वर्षावनों के शोध के लिए पहुंची साइंटिस्ट मरिना हर्ले का भी इसे लेकर बुरा अनुभव रहा है। जबकि एक वनस्पति शोधकर्ता के रूप में मरिन हर्ले जानती थी कि जंगलों में ऐसे कई खतरे होते हैं, इसलिए उन्होनें ग्लव्स और बॉडी शूट पहन रखा था। पर उसके बावजूद जब उन्होने इस पौधे को छुआ तो इसे छूते ही उन्हें तेज दर्द हुआ और वो दर्द इतना बढ़ गया कि उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके चलते मरिन हर्ले को लंबे समय तक स्टेरॉयड लेकर हास्पिटल में रहना पड़ा। इसके बाद जब वो बाहर आई तो डिस्कवरी को दिए एक इंटरव्यू में जिम्पाई-जिम्पाई के बारे में अपना कड़वा अनुभव शेयर किया। मरिन हर्लेने इंटरव्यू में बताया कि इस पौधे को छून के बाद शरीर में इतना तेज दर्द उठता है मानो कि किसी ने बिजली के तेज झटके के बाद बॉडी पर एसिड डाल दिया हो।

अब बात करें कि आखिर ये पौधा इतना खतरनाक कैसे होता है, तो बता दें कि इसमें सामान्य सा दिखने वाले इस पौधे में कांटे पाए जाते हैं। इन कांटो में न्यूरोटॉक्सिन नाम का जहर भरा होता है और जब कोई व्यक्ति इस पौधे का छूता है तो कांटों के जरिए ये जहर उसके शरीर में प्रवेश कर जाता है। वहीं ये न्यूरोटॉक्सिन इतना खतरनाक होता है कि ये सीधे व्यक्ति के नर्वस सिस्टम पर असर करता है, जिसके चलते असहनीय दर्द और बेहोशी की स्थिति बनती है। धीरे-धीरे दर्द की तीव्रता बढ़ती जाती है और फिर इसी के साथ व्यक्ति को मौत के ख़्याल आने लगते हैं। यही वजह है कि जिम्पाई-जिम्पाई को सुसाइड प्लांट कहते हैं, जबकि इसका बायोलॉजिकल नाम डेंड्रोक्नाइड मोरोइड्स है। First Updated : Friday, 13 January 2023