अब उत्तर प्रदेश भी जल्दी ही झरनों वाला प्रदेश बनने जा रहा है। दरअसल चंदौली जिले के घने जंगलों के बीच राजदरी जलप्रपात को जल्द ही ईको-टूरिज्म हॉट स्पॉट के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को 2करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है।
जानें कहां है ये झरना
जानकारी के मुताबिक कई सौ साल पुराना घने जंगलों के बीच गंगा नदी पर ये झरना, विंध्य सर्किट के तहत एक सुंदर इकोटूरिज्म स्थल है। हालांकि राजदरी-देवदारी जलप्रपात से करीब 25किमी दूर प्रकृति का ये अनोखा खजाना लापरवाही के कारण इसने वर्षों से अस्तित्व में नहीं थालेकिन अब राज्य सरकार की तरफ से प्रदेश के नए पर्यटनों स्थलों की खोज में इसे चिह्नित किया गया है।
प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है ये इलाका
आपक बता दें कि वाराणसी से लगे चंदौली जिले के औरवाटांड में प्राकृतिक झरनों, दुर्लभ ऐतिहासिक शैल चित्रों और बाकी प्राकृतिक सुंदरता के साथ इकोटूरिज्म की काफी संभावनाएं हैं। इसके लिए औरवाटांड को ईको-टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार को 2करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी
जिलाधिकारी ने बताया कि औरवांटेड तीन तरफ से प्राकृतिक घाटियों से घिरा हुआ है। लगभग 200फीट की ऊंचाई से गिरने वाले इस झरने के चारों तरफ दुर्लभ ऐतिहासिक शैल चित्र हैं। इस क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल स्थानीय उत्पादों और प्रौद्योगिकी के साथ एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।
आसपास के जिलों से पहुंचेंगे लोग
जान लें कि वाराणसी में तीर्थयात्रा के लिए आने वाले पर्यटन के लिए ये एक रोमांचकारी यात्रा भी होगी। इसके अलावा चंदौली के पास मिर्जापुर और सोनभद्र जैसे जिलों के लोग भी अपनी छुट्टियों को मनाने के लिए पहुंचेंगे। इसके अलावा ये भी जान लें कि चंदौली जिले में चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य उन अभयारण्यों में से एक हैजो प्रकृति के अनोखे दृश्यों को खुद में संजोए हुए है। First Updated : Monday, 09 January 2023