मस्तिष्क को दुरुस्त रखने के 5 टिप्स, भूलने की बीमारी होगी खत्म
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क पर भी इसका असर दिखने लगता है. बढ़ती उम्र में न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग, जैसे अल्जाइमर, होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. याददाश्त कमजोर होना, एकाग्रता की कमी और सोचने-समझने की क्षमता का कम होना इसके शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि समय रहते अपने मस्तिष्क के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए और कुछ प्रभावी उपायों को अपनाकर इसे लंबे समय तक सक्रिय और स्वस्थ रखा जाए.

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल नहीं रख पाते हैं. मस्तिष्क हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है. लेकिन जब भी इसकी देखभाल की बात आती है तो हम इस पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. हालांकि, इसका ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. छोटी उम्र में तो ज्यादा परेशानियां नहीं होतीं, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, दिमाग भी कमजोर होता जाता है. याददाश्त और सोचने की क्षमता भी कम होने लगती है. मस्तिष्क हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे शरीर को पूरी तरह से नियंत्रित करता है. बढ़ती उम्र के साथ न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग विकसित होने का डर रहता है. अल्जाइमर विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में अपने मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखना बहुत जरूरी है.
आज हम आपको दिमाग को स्वस्थ रखने के टिप्स देने जा रहे हैं, जिनका आपको जरूर पालन करना चाहिए. मानसिक व्यायाम करें. जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम आवश्यक है, उसी प्रकार दिमाग को स्वस्थ और तेज रखने के लिए मानसिक व्यायाम भी आवश्यक है. इसके लिए आप पहेलियाँ सुलझा सकते हैं, शतरंज खेल सकते हैं, कोई नई भाषा सीख सकते हैं या कोई नया कौशल अपना सकते हैं. इससे मस्तिष्क सक्रिय रहता है और उसकी कार्यक्षमता बनी रहती है.
स्वस्थ आहार खाएं
मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन बी, ई और एंटीऑक्सीडेंट बहुत फायदेमंद होते हैं. ऐसे में आपको अपने आहार में मछली, अखरोट, बादाम, ब्रोकली, हरी सब्जियां, फल और बीज जरूर शामिल करने चाहिए. जंक फूड से दूर रहने की कोशिश करें.
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें
प्रतिदिन टहलने, योग या हल्का व्यायाम करने से रक्त संचार बेहतर होता है. इससे मस्तिष्क तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व सही मात्रा में पहुंचते हैं. जब आप शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं तो मानसिक थकान दूर हो जाती है. इससे मूड भी अच्छा हो जाता है.
अच्छी नींद भी महत्वपूर्ण है
नींद का सीधा संबंध मस्तिष्क के स्वास्थ्य से है. विशेषज्ञों का भी कहना है कि व्यक्ति को प्रतिदिन सात से आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए. मस्तिष्क दिनभर की थकान से उबर पाता है और याददाश्त भी मजबूत रहती है.
तनाव से दूर रहें
मस्तिष्क का सबसे बड़ा दुश्मन तनाव है. तनाव से बचने के लिए ध्यान, प्राणायाम और अपने शौक पूरे करने के लिए समय निकालें. यह मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करता है.


