AIIMS starts New treatment: कैंसर बीमारी होना अब सामान्य हो गई है हालांकि ये जानलेवा बीमारी है. कैंसर कई प्रकार के होते हैं जिसमें से मेलेनोमा कैंसर है जो आंख के कैंसर में सामान्य है. डॉक्टरों की टीम अब इन बीमारियों से छुटकारा पाने के तरीके खोजने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इस बीच दिल्ली के एम्स अस्पताल से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि एम्स ने एक नई ट्रीटमेंट शुरू की है जिसकी मदद से अब आंखों के कैंसर का इलाज हो सकेगा.
हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने आंखों के कैंसर का इलाज पर अध्ययन किया है. इस अध्ययन में पाया गया है कि गामा नाइफ सर्जरी की मदद से आंख के कैंसर से पीड़ित रोगियों की आँख की दृष्टि अब बचाई जा सकती है.
न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. दीपक अग्रवाल ने कहा, "यह एक दुर्लभ कैंसर है लेकिन रेफरल सेंटर होने के कारण हमें महीने में 2 से 3 मामले देखने को मिलते हैं. एम्स ने अब तक गामा नाइफ तकनीक से 15 मरीजों का ऑपरेशन किया है, जिनमें से 80 फीसदी मरीजों को सर्जरी के बाद कोई जटिलता नहीं हुई. शेष 20 प्रतिशत रोगियों में जटिलताएँ विकसित हो गई हैं जिनके लिए अन्य हस्तक्षेप की आवश्यकता है. जिन 15 मरीजों का गामा नाइफ से इलाज किया गया, उनमें से दो ने आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ उठाया है.
आंख का कैंसर एक रोग है जो आंख के अंदर या उसके आस-पास के किसी भाग में हो सकता है. इसमें कई प्रकार के कैंसर शामिल हो सकते हैं, जैसे कि आंख के मेलेनोमा, रेटिनोब्लास्टोमा, और रेटिनोब्लास्टोमा शामिल हैं. इस रोग के लक्षण में आंखों में दर्द, आंखों के लाल होना, आंखों के पास गांठ का उपस्थित होना, या दृष्टि की कमी शामिल हो सकती है.
गामा नाइफ (Gamma Knife) एक प्रकार की तकनीक है जो ब्रेन सर्जरी के लिए उपयोग की जाती है. यह एक तकनीकी उपकरण होता है जिसमें एक संघटित परिसर में गामा किरणों का उपयोग किया जाता है ताकि अंतरिक्ष में अनुक्रमिक रूप से निर्देशित रूप से उन्हें उनके लक्ष्य बिंदुओं पर पहुंचाया जा सके. इसे मस्तिष्क के रोगों के इलाज में उपयोग किया जाता है, जैसे कि त्वचा कैंसर, गुदा या उधर के कैंसर या ट्यूमर के उपचार के लिए. गैमा नाइफ एक अत्यंत सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया होती है जो रोगी को अस्पताल में भी दाखिल नहीं होने की आवश्यकता देती है. First Updated : Wednesday, 20 March 2024