सिर्फ फेफड़े ही नहीं शरीर के इन अंगों को भी खराब करता है प्रदूषण, ऐसे बनता है मौत का कारण
बढ़ते प्रदूषण से सिर्फ फेफड़े ही नहीं, बल्कि दिल, मस्तिष्क और अन्य अंग भी प्रभावित हो रहे हैं. हवा में मौजूद खतरनाक कण और गैसें स्वास्थ्य के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं. प्रदूषण से अस्थमा, दिल के दौरे, लंग्स कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन सवाल यह है कि इससे बचाव कैसे करें? जानें प्रदूषण से कैसे प्रभावित हो रहे हैं हम और इसे कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. पूरी खबर में जानें और जानिए कैसे बचें!
Air Pollution: आजकल बढ़ते वायु प्रदूषण का असर न केवल हमारे फेफड़ों पर, बल्कि पूरे शरीर पर पड़ रहा है. सांस लेने में परेशानी, खांसी, आंखों में जलन जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रदूषण हमारी सेहत पर कितना गंभीर असर डालता है? यह न केवल फेफड़ों को, बल्कि दिल, मस्तिष्क, आंखों, त्वचा और हड्डियों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. बढ़ते प्रदूषण के कारण हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं. ऐसे में प्रदूषण से बचाव करना बहुत जरूरी है.
प्रदूषण से शरीर पर प्रभाव: क्या-क्या अंग होते हैं प्रभावित?
वायु प्रदूषण में मौजूद खतरनाक गैसें और छोटे कण शरीर के अंदर तक प्रवेश करते हैं, जो कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं. डॉ. जी. सी. खिलनानी, जो WHO के एयर पॉल्यूशन और हेल्थ विशेषज्ञ हैं, बताते हैं कि प्रदूषण से सबसे ज्यादा नुकसान फेफड़ों को होता है. प्रदूषित हवा में मौजूद कण लंग्स के निचले हिस्से में जाकर जमा हो जाते हैं, जिससे अस्थमा, सीओपीडी और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां होती हैं. इन बीमारियों के कारण व्यक्ति को लगातार खांसी और सांस लेने में कठिनाई होती है.
हार्ट पर भी पड़ता है असर
पैसे के साथ-साथ प्रदूषण का असर हमारे दिल पर भी पड़ता है. एम्स दिल्ली की एक रिसर्च में पाया गया है कि प्रदूषण के बढ़ने से हार्ट अटैक के मामले 25% तक बढ़ जाते हैं. प्रदूषण में मौजूद खतरनाक गैसें, जैसे पीएम 2.5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), खून में घुलकर नसों में जमा हो जाती हैं, जिससे नसों में सूजन आ जाती है और ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है. इससे दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
प्रदूषण का असर और शरीर के अंगों पर
प्रदूषण सिर्फ फेफड़ों और दिल को ही नहीं, बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है. इससे ब्रेन, स्किन, आंखों, पाचन तंत्र और हड्डियों पर भी बुरा असर पड़ता है. कई शोधों में यह भी पाया गया है कि प्रदूषण लंग्स कैंसर का एक बड़ा कारण है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ चुका है कि वहां रहकर किसी को भी सिगरेट न पीने के बावजूद लंग्स कैंसर हो सकता है.
प्रदूषण से बचाव: क्या करें?
डॉ. खिलनानी के अनुसार, प्रदूषण से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें बाहर जाने से बचना चाहिए. घर के अंदर रहने से बेहतर कोई उपाय नहीं है. साथ ही, घर में एयर प्यूरीफायर लगाना एक अच्छा कदम हो सकता है. अगर बाहर निकलना पड़े, तो एन-95 मास्क पहनना चाहिए. इससे प्रदूषण से कुछ हद तक बचाव किया जा सकता है. प्रदूषण का असर हमारे शरीर पर गंभीर रूप से पड़ सकता है और यह कई तरह की बीमारियों और मौतों का कारण बन सकता है. इससे बचने के लिए जरूरी है कि हम अपनी सेहत का ख्याल रखें, प्रदूषण के स्तर को कम करने के उपाय करें और जितना हो सके अपने वातावरण को स्वच्छ बनाने की कोशिश करें.