AI का कमाल! आपकी आवाज से बताएगा क्या है शरीर में बीमारी , इलाज भी करेगा

AI diagnose Patients: दुनियाभर में एआई हर कुछ दिन में नया कमला लेकर आ रहा है. ऐसे में अगर आप बीमार हैं तो ये आपकी बीमारी का पता लगा देगा. कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई अब मेडिकल क्षेत्र में घुस गया है और अब यह लोगों की आवाज से बीमारी का पता लगाने का काम करेगा. अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के वैज्ञानिकों ने एआई से ऐसा काम लेने के लिए बहुत आगे बढ़ चुके हैं.

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AI diagnose Patients: आज के समय या पहले के समय में भी जब हम बीमार पड़ते थे तो सीधा डॉक्टर के पास जाते थे , अभी भी हम यही करते हैं, इसके बाद डॉक्टर बीमारी देखकर हमें दवाईंया देते हैं. लेकिन अब ये काम थोड़ा आसान हो जाएगा. क्योंकि बहुत जल्द एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से कई बीमारियों का इलाज होने लगेगा. इसका मतलब यह नहीं कि सभी बीमारियों का इलाज सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ही करेगा. 

एआई ऐसी कई बीमारियों की पहचान जल्दी करेगा और उसी के हिसाब से दवा देने में यह डॉक्टर की मदद करेगा. अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ ने यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा, कॉर्नेल और 10 अन्य संस्थानों के साथ मिलकर इसके लिए Bridge2AI कार्यक्रम चला रहा है जो लोगों की आवाज के डेटा को संग्रह कर उसका विश्लेषण कर रहा है.

बीमारी ऐसे लगेगी पता

इसमें यह पता लगा रहा है कि किस बीमारी की स्थिति में किस तरह की आवाज निकलती है. मुकम्मल पहचान हो जाने के बाद ऐसा एआई एप्लीकेशन विकसित होगा जो मरीज की आवाज का विश्लेषण करेगा और चंद सेकेंड में बता देगा कि उसे क्या बीमारी है. इसके बाद उस बीमारी के हिसाब इलाज भी बताएगा. रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल इस रिसर्च में एआई से डायबिटीज, पार्किंसन, अल्जाइमर, स्ट्रोक, डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया, बायपोलर डिसॉर्डर, हार्ट फेल्योर, सीओपीडी, निमोनिया और ऑटिज्म की पहचान और उसके निदान पर फोकस किया जा रहा है.

आवाज से होगा विश्लेषण

टीओआई की खबर के मुताबिक एआई आवाज के हर अंश का विश्लेषण करेगा. एआई आवाज की उस सूक्ष्मतम इकाई को भी पकड़ेगा जो मनुष्य कान से नहीं सुन पाता है. इसमें आवाज की ध्वनि, गति और आवाज के उतार-चढ़ाव से लेकर वोकल कॉर्ड की तरंगों तक का विश्लेषण करेगा और आवाज के पैटर्न को पकड़ेगा. कई ऐसी बीमारियां हैं जिनके होने पर आवाज में परिवर्तन होने लगता है. मनुष्य पक्के तौर पर आवाज से बीमारी का पता नहीं लगा सकता लेकिन एआई ये काम कर सकता है. इससे न केवल बोलने में दिक्कत वाली बीमारियों की पहचान की जाएगी बल्कि कई तरह की नसों से संबंधित बीमारियां, सांसों की बीमारियां, डायबिटीज और यहां तक कि ऑटिज्म तक का इलाज हो सकेगा.

मेडिकल क्षेत्र में बदलाव

आवाज ऐसी चीज हैं जिसमें कई तरह के हेल्थ संबंधी बायोमार्कर बनने की क्षमता है. उन्होंने बताया कि आवाज के नमूने को संग्रहित कर उसे आज की सर्वोत्तम तकनीकी से जोड़ना एक प्रभावी कदम साबित हो सकता है. इससे डॉक्टर सर्वोत्तम तकनीक का इस्तेमाल कर बीमारियों की पहचान और उसके इलाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है. इससे डॉक्टरों को बेहद सहुलियत मिल जाएगी और मरीज को भी प्रभावी तरीके से इलाज हो सकता है. First Updated : Thursday, 26 September 2024