Breastfeeding Tips: मां बनना एक खूबसूरत एहसास है, लेकिन डिलीवरी के बाद मां को कई शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इनमें से एक बड़ी समस्या है पर्याप्त दूध का न आना. हार्मोनल बदलावों और डिलीवरी के बाद की शारीरिक कमजोरी के कारण कई महिलाएं यह शिकायत करती हैं कि उनके बच्चे के लिए पर्याप्त दूध नहीं बन रहा है.
अगर आप भी इस समस्या से गुजर रही हैं, तो परेशान न हों. सही डाइट, ब्रेस्टफीडिंग की आदतें और कुछ विश्राम तकनीकें आपके लिए कारगर साबित हो सकती हैं. यहां जानें वे खास टिप्स जो ब्रेस्टफीडिंग को बेहतर बना सकते हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे को जितनी बार संभव हो, ब्रेस्टफीडिंग कराएं, खासकर शुरुआती हफ्तों में. हर 2-3 घंटे में बच्चे को दूध पिलाने से दूध का फ्लो बढ़ता है. यदि आप लंबे समय तक बच्चे से दूर रहती हैं, तो हर 3 घंटे में पंप या हाथ से दूध निकालने की आदत डालें.
मां के दूध की कमी का एक बड़ा कारण डिलीवरी के दौरान या उसके बाद सही डाइट का न लेना है. पोषण और प्रोटीन युक्त आहार लें. ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां, सूखे मेवे और पानी का सेवन करें. भरपूर हाइड्रेशन ब्रेस्टमिल्क की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद मां और बच्चे का तुरंत संपर्क न होना भी दूध कम बनने का कारण हो सकता है. जब बच्चा मां के संपर्क में आता है, तो दूध बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है. इसलिए कोशिश करें कि डिलीवरी के तुरंत बाद बच्चे को अपने पास रखें.
डिलीवरी के बाद का तनाव भी दूध की कमी का कारण बन सकता है. इसके लिए ध्यान, शांत संगीत और विश्राम तकनीकें अपनाएं. मानसिक शांति से दूध का फ्लो बेहतर होता है.
डिलीवरी के बाद महिला का शरीर कमजोर होता है, जिससे दूध बनने में समस्या हो सकती है. ऐसे में महिलाओं को प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन युक्त आहार लेना चाहिए. इससे शरीर की कमजोरी दूर होगी और दूध बनने की प्रक्रिया में सुधार होगा. First Updated : Wednesday, 18 December 2024