Health: आर्टिफिशियल स्वीटनर से बढ़ता है कैंसर का खतरा, WHO ने दी चेतावनी.....
Health: टेस्टी पकवानों का हर कोई शौक़ीन होता है. हर कोई अपने पसंदीदा पकवान खाना पसंद करता ही है, फिर चाहे वो सेहत के लिए कितने भी नुकसानदेह क्यों न साबित हों. हाल ही में WHO ने आर्टिफिशियल स्वीटनर को लेकर सावधान किया है. WHO के मुताबिक, आर्टिफिशियल स्वीटनर के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
हाइलाइट
- आर्टिफिशियल स्वीटनर के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
Cancer And Food: WHO ने आर्टिफिशियल स्वीटनर को लेकर सावधान किया है. WHO के मुताबिक, अनजाने में हम ऐसी चीजें खा रहे हैं जो सेहत को नुकसान तो पहुंचाती हैं साथ ही इनसे कैंसर का ख़तरा भी बढ़ जाता है. आजकल कई फ़ूड कंपनियां खाने-पीने की चीजें बनाने में शुगर की जगह आर्टीफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल कर रही हैं. जिसमें एस्पार्टेम ज़्यादा तादाद में पाया जाता है. जो हेल्थ के लिए बहुत नुकसानदेह होता है.
एस्पार्टेम का इस्तेमाल खाने पीने की चीज़ों में मिठास लाने के लिए किया जाता है. इसमें नॉर्मल शुगर की तुलना में 200 गुना ज़्यादा मिठास होती है. एस्पार्टेम का सॉफ्ट ड्रिंक में लगभग 95% इस्तेमाल होता है. WHO ने कहा है कि खाने-पीने की चीजों में यह आर्टिफिशियल मिठास से कैंसर जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों का रिस्क बढ़ सकता है. एस्पार्टेम को जल्द ही WHO संभावित कैंसरजन घोषित करने वाला है.
शोध में क्या मिला?
पिछले साल फ्रांस में हुई रिसर्च में लगभग 1 लाख से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया. इस रिसर्च के नतीजे में पाया गया कि आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने वालों में सबसे ज्यादा कैंसर का खतरा रहता है. हर दिन शरीर के वजन के 50 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम के हिसाब से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. यूरोपियन यूनियन ने एस्पार्टेम की मात्रा 40 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम तय की है. कहा जा सकता है कि एस्पार्टेम का 40-50 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम से ज्यादा है सेवन करना खतरनाक साबित हो सकता है.