न सर्दी, न खांसी, न फूड पॉइजनिंग... 50 साल की उम्र तक कभी बीमार नहीं हुए ये योगी, आखिर ऐसा कैसे मुमकिन है?
Baba Ramdev health: हाल ही में एक चौंका देने वाले खुलासे में बाबा रामदेव ने बताया कि 50 साल की उम्र तक कभी कोई बीमारी नहीं हुई. उन्हें न तो सर्दी हुई, न खांसी और न ही किसी अन्य बीमारी ने उन्हें छुआ. आइए जानते हैं आखिर उनकी सेहत का राज क्या है?
Baba Ramdev health: योग गुरु बाबा रामदेव ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी फिटनेस और सेहत का ऐसा खुलासा किया है, जिसने सभी को चौंका दिया. उन्होंने बताया कि पिछले 50 सालों में उन्हें न तो सर्दी हुई, न खांसी और न ही किसी अन्य बीमारी ने उन्हें छुआ. यह बात जानने के बाद लोग उनकी लाइफस्टाइल और इम्युनिटी के बारे में जानने को उत्सुक हो गए हैं. आखिर ऐसा क्या है बाबा रामदेव की दिनचर्या और जीवनशैली में, जिसने उन्हें इतने सालों तक बीमारियों से दूर रखा?
बाबा रामदेव ने बताया कि उनका बचपन और शुरुआती जीवन गुरुकुल में बीता, जहां उन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना किया. उन्होंने कहा, "गुरुकुल में मोटे-मोटे मच्छर काटते थे. खिड़कियों और दरवाजों की सुविधा नहीं थी. मच्छरदानी का तो सवाल ही नहीं था. मैं अक्सर पेड़ के नीचे सोता था. एक बार बुखार जरूर हुआ, लेकिन उसके बाद पिछले 50 सालों में मुझे कोई बीमारी नहीं हुई."
योग और प्राकृतिक जीवनशैली बनी सेहत का आधार
बाबा रामदेव ने अपनी फिटनेस का श्रेय योग और प्राकृतिक जीवनशैली को दिया. उन्होंने कहा, "योग मेरे रोम-रोम में बसा है. योग करने से मेरी इम्युनिटी इतनी मजबूत हो गई है कि मैं बीमार नहीं पड़ता." उन्होंने यह भी बताया कि नेचर के करीब रहने और सही जीवनशैली अपनाने से उनकी सेहत हमेशा बेहतरीन रही है.
एलोपैथिक दवाओं को बताया अनावश्यक
बाबा रामदेव ने आधुनिक एलोपैथिक दवाओं को अनावश्यक बताते हुए कहा कि 200 साल पहले इनका अस्तित्व नहीं था. उन्होंने कहा, "उस समय लोग प्राकृतिक औषधियों से ही अपनी बीमारियों का इलाज करते थे. दवाइयों पर निर्भरता नहीं थी. आज भी दवाओं के बिना स्वस्थ रहना संभव है, यदि आप योग और आयुर्वेद को अपनाएं."
योग से मिलती है ऊर्जा और शक्ति
बाबा रामदेव ने योग के फायदों पर जोर देते हुए कहा, "योग में इतनी शक्ति है कि यह आपके शरीर में ऊर्जा, बल और गर्मी पैदा करता है. योग करने से न केवल इम्युनिटी मजबूत होती है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक संतुलन भी बनाए रखता है."
संन्यासी जीवन ने बनाया अनुशासित
उन्होंने यह भी साझा किया कि उनका जीवन पूरी तरह संन्यासी की तरह बीता है. उन्होंने कहा, "मैंने अपनी जिंदगी नारंगी वस्त्रों में और सादगी के साथ बिताई है. यह अनुशासन और योग ही है, जिसने मुझे बीमारियों से दूर रखा."