मानव शरीर में 5 सेंस होते हैं, उन्ही से हमारा शरीर सुचारू रुप से काम बी करता है. अगर किसी एक सेंस के काम करने में ज़रा भी परेशानी आती है तो हमारा जीवन बाधित हो जाता है.
ये शोध अमेरिका के जॉन हॉपकिंस मेडिसिन के साइंटिस्ट ने किया है जिसमें पाया गया कि ''सूंघने की कैपिसिटी जितनी ज्यादा खराब होती है, उतनी ही खराब उसकी मेंटल हेल्थ भी होती है. ऐसा नहीं है कि सूंघने की क्षमता कमजोर पड़ने से डिप्रेशन का खतरा रहता है. लेकिन इतना जरूर है कि ये किसी के डिप्रेशन में होने का संकेत हो सकता है.''
शोध में पाया गया कि ने इसकी वजह सूजन का होना भी हो सकता है. इस शोध में 2000 से ज्यादा बुजुर्गों ने हिस्सा लिया जो कि 8 साल तक चला.
प्रोफेसर कामथ ने बताया कि स्मैल करने कैपिसिटी का खोना अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव डिज़ीज़ की शुरूआत होने का वार्निंग सिग्नल हो सकता है. एनएचएस कहता है कि पीड़ित लोग जितनी जल्दी डॉक्टर से हेल्प लेंगे, उतनी ही जल्दी उन्हें ठीक होने में मदद मिलेगी.
ऐसे बहुत से लोग हैं जो डिप्रेशन में होते हैं, लेकिन डॉक्टर से मदद नहीं लेते. आपको शरीर में किसी भी तरह के असामान्य लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर के पास तुरंत जाएं.