बैठने की आदत से बढ़ता है दिल के दौरे का खतरा, शोध से खुलासा

कुर्सी पर ज्यादा देर बैठना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। हालिया शोध में यह खुलासा हुआ है कि लंबे समय तक बैठे रहने से हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है। वैज्ञानिकों ने इस आदत को लेकर चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि अधिक समय तक बैठने से दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

Lalit Sharma
Lalit Sharma

हैल्थ न्यूज. हाल ही में एक अध्ययन में यह पाया गया है कि दिन के दौरान 10.6 घंटे या उससे अधिक समय तक बैठे रहने से दिल की बीमारियों के कारण मौत का खतरा बढ़ सकता है, भले ही आप रोजाना अनुशंसित व्यायाम करते हों। यह  अध्ययन यह साबित करता है कि केवल व्यायाम करने से भी दिल की सेहत पूरी तरह से सुरक्षित नहीं रहती, यदि आप पूरे दिन लंबे समय तक बैठे रहते हैं।

अध्ययन की पृष्ठभूमि

मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने लगभग 90 हजार ब्रिटिश लोगों के फिटनेस ट्रैकर्स से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया। इन डिवाइसों ने सात दिनों तक उनकी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया। अध्ययन में पाया गया कि औसतन लोग दिनभर में लगभग 9.4 घंटे तक बैठे रहते हैं। यह आंकड़ा बहुत चिंताजनक है, क्योंकि लंबे समय तक बैठने से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

निष्क्रियता और दिल की बीमारियां

जब प्रतिभागियों के दिल की सेहत का विश्लेषण किया गया, तो यह सामने आया कि 10.6 घंटे से अधिक समय तक बैठने से दिल की विफलता, हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत का खतरा बढ़ सकता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो लोग हफ्ते में 150 मिनट का मध्यम से तेज व्यायाम करते थे, वे भी इस खतरे से बच नहीं पाए। यह दर्शाता है कि सिर्फ व्यायाम ही दिल की सेहत को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नहीं है, बल्कि निष्क्रियता को कम करना भी जरूरी है।

30 मिनट का हल्का व्यायाम भी लाभकारी

इस अध्ययन में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी ब्राउन यूनिवर्सिटी के डॉ. चार्ल्स ईटन ने दी। उन्होंने कहा कि लोग अक्सर अपने व्यायाम के समय को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं और बैठने के समय को कम आंकते हैं। उन्होंने सलाह दी कि केवल 30 मिनट की हल्की एक्टिविटी (जैसे टहलना) भी दिल की बीमारियों के खतरे को कम कर सकती है। यह व्यायाम आपके दिल को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकता है।

अध्ययन का महत्व

यह अध्ययन "जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी" में प्रकाशित हुआ और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिक सत्र 2024 में प्रस्तुत किया गया। इसका मुख्य संदेश यह है कि हमें एक्टिव रहना चाहिए और निष्क्रियता से बचना चाहिए। दिल की सेहत के लिए इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि शारीरिक सक्रियता को बढ़ाकर और बैठे रहने के समय को कम करके हम दिल की बीमारियों से बच सकते हैं।

सावधानी और स्वास्थ्य सलाह

प्रिय पाठक, हमारी यह खबर आपको जागरूक करने के उद्देश्य से दी गई है। किसी भी सेहत से संबंधित जानकारी को अपनाने से पहले, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।
 

calender
16 November 2024, 01:07 PM IST

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