Calcium Deficiency: हडि्डयों की सेहत के साथ तन-मन की तेजी और हृदय से भी है कैल्शियम का नाता
कैल्शियम न केवल शारीरिक विकास और हडि्डयों की मजबूती के लिए जरूरी है, बल्कि इसका संबंध मांसपेशियों की कमजोरी और थकान से भी है। यह दांतों से लेकर दिल की सेहत के लिए जरूरी है। ऐसे में यदि शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है तो स्वास्थ्य से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
हाइलाइट
- शरीर में कैल्शियम की कमी महिलाओं और उम्रदराज लोगों में ज्यादा देखी जाती है।
कैल्शियम, एक व्यक्ति की शारीरिक-मानसिक सेहत के लिए सबसे जरूरी खनिजाें में से एक है। इसलिए बचपन से ही परिवार और स्कूल में कैल्शियम का महत्व बताते हुए दूध पीने पर जोर डाला जाता है। कैल्शियम न केवल शारीरिक विकास और हडि्डयों की मजबूती के लिए जरूरी है, बल्कि इसका संबंध मांसपेशियों की कमजोरी और थकान से भी है। यह दांतों से लेकर दिल की सेहत के लिए जरूरी है। ऐसे में यदि शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है तो स्वास्थ्य से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
बढ़ती उम्र के साथ होती है कैल्शियम की कमी
शरीर में कैल्शियम की कमी हायपोकैल्शिमिया कहलाती है, यानी शरीर को नियमित रूप से उतना कैल्शियम नहीं मिल पाता, जितना जरूरत है। हायपोकैल्शिमिया की स्थिति किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, हालांकि महिलाओं और उम्रदराज लोगों में यह ज्यादा देखी जाती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में कैल्शियम कम होता जाता है। हडि्डयां पतली और कमजोर होने लगती हैं और शरीर को अधिक कैल्शियम की जरूरत होती है।
असंतुलित जीवनशैली और जंक फूड बड़ी वजह
आज की असंतुलित लाइफस्टाइल, भूखा रहना, जंक फूड खाना और पोषक आहार न लेना, दूध न पीना, हार्मोन असंतुलन, धूप के संपर्क में न आना यानी विटामिन डी न मिलना आदि कई कारण हैं, जिनके कारण शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर विभिन्न लक्षण नजर आते हैं। विभिन्न व्यक्तियों में ये भिन्न भिन्न हो सकते हैं। कैल्शियम की कमी के कारण मांसपेशियों में ऐंठन या खिंचाव की समस्या आती है। हाथ-पांव सुन्न हो जाते हैं या उनमें झनझनाहट महसूस होती है।
इसके अलावा काम न करने के बाद भी दिनभर शरीर में थकान और कमजोरी रहने लगती है। कई बार कोशिशों के बाद भी नींद नहीं आती है या बार-बार खुलने के कारण नींद पूरी नहीं हो पाती है। कैल्शियम की कमी से सिर चकराना, चक्कर आना या सिरदर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती है। वहीं, इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है और किसी काम पर फोकस करने में परेशानी और डिमेंशिया या भूलने की समस्या जैसे विकास भी पैदा हो सकते हैं।
कैल्शियम डेफिसिएन्सी के कारण दांत कमजोर हो जाते हैं, उनकी बाहरी दीवारें यानी इनेमल कमजोर हो जाता है, जिससे दातों में सेंसेटिविटी या पेन महसूस होता है। सामान्यत: प्रोटीन से बनने वाले नाखून भी खुश्क हो जाते हैं और आसानी से टूटने लगते हैं। वहीं बाल बेजान होकर झड़ने लगते हैं और आसानी से टूट भी जाते हैं। वहीं, कैल्शियम की कमी से त्वचा पर लाल निशान, एक्जिमा, खुजली और सोरायसिस की समस्या होती है।
शरीर के लिए इसलिए फायदेमंद है कैल्शियम
दिलचस्प है कि मनुष्य के शरीर का करीब 99 प्रतिशत कैल्शियम हडि्डयों और दांतों में होता है। बचपन से ही हडि्डयों और शारीरिक-मानसिक विकास और उसे बनाए रखने के लिए कैल्शियम जरूरी होता है। शरीर में कैल्शियम की कमी से कई तरह के रोग हो सकते हैं। हडि्डयां पहली होकर कमजोर हो जाती हैं और उनमें फ्रेक्चर हो सकते हैं। इसके अलावा महिलाओं में मेनोपॉज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा शरीर में न होने से ऑस्टियोपीनिया जैसी बीमारी भी हो सकती है।
यह शरीर की थकावट को दूर करने के लिए जरूरी है, क्योंकि शरीर का कैल्शियम मांसपेशियों के संकुचन को नियमित करता है। वहीं कैल्शियम शरीर के कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को भी मेंटेंन करने में योगदान देता है, यह हार्ट मसल्स को भी रिलेक्स करता है। ब्लड क्लॉटिंग के लिए भी कैल्शियम उपयोगी साबित हुआ है तो विभिन्न शोधों में इसके उपभोग और लो ब्लड प्रेशर के बीच कनेक्टिवटी के लिंक मिले हैं।
विटामिन डी और कैल्शियम युक्त आहार लें
चूंकि शरीर में मौजूद विटामिन डी वसा से कैल्शियम बनाने के लिए उत्तरदायी है, इसलिए विटामिन डी की कमी से कैल्शियम का स्तर भी कम होता है। इसलिए धूप की पर्याप्त सेवन करें। इसके अलावा कैल्शियम युक्त खाद्य एवं पेय पदार्थ जैसे दूध, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली आदि का सेवन करें।