"क्या स्विगी और ज़ोमैटो की 10 मिनट डिलीवरी कैंसर जैसी बीमारी का कारण बन सकती है?"
स्विगी, ज़ोमैटो और ज़ेप्टो जैसी सेवाएं जो 10 मिनट में खाना डिलीवर करने का वादा करती हैं, क्या वो हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं? डॉक्टर मनन वोरा ने अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन को लेकर चिंता जताई है और हाल ही में हुए शोध ने भी इसे लेकर गंभीर चेतावनी दी है। जानिए क्या है इस ट्रेंड के पीछे की सच्चाई और क्या इसे अपनाना आपके स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है!
Swiggy and Zomato: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक चर्चा गर्म हो रही है, जिसमें डॉक्टर और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्विगी, ज़ोमैटो और ज़ेप्टो जैसे फूड डिलीवरी ऐप्स पर सवाल उठाए हैं, जो महज 10 मिनट में खाना डिलीवर करने का वादा करते हैं। इन सेवाओं की बढ़ती लोकप्रियता के साथ यह चिंता बढ़ रही है कि क्या हम अपनी सेहत से समझौता कर रहे हैं, बस एक त्वरित और सुविधाजनक भोजन के बदले।
क्या है "अल्ट्रा-प्रोसेस्ड कचरा"?
ऑर्थोपेडिक सर्जन और न्यूट्रीबाइट वेलनेस के सह-संस्थापक, डॉक्टर मनन वोरा ने इस समस्या को लेकर एक लिंक्डइन पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने चिंता जताई कि 10 मिनट में डिलीवर होने वाला खाना आमतौर पर अल्ट्रा-प्रोसेस्ड यानी अत्यधिक संसाधित भोजन होता है। इसके बारे में उनका कहना था कि इसे जल्दी से पकाने के लिए इसे पहले से पका हुआ, जमी हुआ, माइक्रोवेव में गर्म किया हुआ, और डिलीवर किया जाता है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में पोषण की कमी होती है, और ये हमारी सेहत के लिए खतरे की घंटी हो सकते हैं।
शोध से मिली चेतावनी
डॉक्टर वोरा की चिंता को शोध से भी समर्थन मिलता है। हाल ही में हुए एक शोध में यह पाया गया कि अत्यधिक संसाधित खाद्य पदार्थों के सेवन से:
- कैंसर का खतरा 12% तक बढ़ सकता है।
- हृदय रोग का खतरा 10% बढ़ सकता है।
- मोटापे की समस्या बढ़ सकती है, जो भारत में 27.8% वयस्कों को प्रभावित करता है।
- शर्करा स्तर बढ़ने से मधुमेह का खतरा भी बढ़ता है।
- ट्रांस वसा की अधिकता से हृदय रोग हो सकते हैं।
इन सभी चिंताओं के बाद डॉक्टर वोरा ने लोगों से आग्रह किया कि वे खाना ऑर्डर करते समय सोच-समझ कर निर्णय लें और ताजे, पौष्टिक भोजन को प्राथमिकता दें।
क्या ज़ोमैटो, स्विगी और ज़ेप्टो को कुछ करना चाहिए?
डॉक्टर वोरा ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर आपके पास घर का बना खाना नहीं है और आपको ऑर्डर करना ही है, तो ताजे खाने के लिए थोड़ा इंतजार करना बेहतर होगा। उनका संदेश फूड डिलीवरी कंपनियों के लिए भी था, जिसमें उन्होंने लिखा, "प्रिय ज़ोमैटो, स्विगी और ज़ेप्टो, हम नहीं चाहते कि 10 मिनट में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड कचरा डिलीवर हो!"
यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, और कई यूजर्स ने इस बात पर सहमति जताई कि 10 मिनट में डिलीवरी सुविधा सुविधाजनक लगती है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। एक यूज़र ने लिखा, "हमें ताजे, पौष्टिक भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए, भले ही इसका मतलब थोड़ा लंबा इंतजार करना हो।"
फास्ट-फूड संस्कृति और स्वास्थ्य पर असर
यह केवल डॉक्टर वोरा ही नहीं, बल्कि बॉम्बे शेविंग कंपनी के सीईओ शांतनु देशपांडे ने भी बढ़ती फास्ट-फूड संस्कृति के बारे में चिंता जताई थी। उन्होंने इसे "सबसे बड़ी महामारी" बताते हुए कहा कि चीनी और पाम ऑयल से भरपूर अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। उन्होंने ज़ोमैटो और स्विगी से अनुरोध किया कि वे अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी के लिए भोजन की गुणवत्ता में सुधार करें।
हेल्दी भोजन को प्राथमिकता
आजकल की तेज़ जीवनशैली में हम सुविधाओं के पीछे भाग रहे हैं, लेकिन क्या यह हमारी सेहत के लिए सही है? क्या हमें अपने स्वास्थ्य को दांव पर लगाकर सिर्फ त्वरित भोजन की सुविधा लेनी चाहिए? डॉक्टर और विशेषज्ञों की सलाह है कि हमें पैक किए हुए और अत्यधिक संसाधित खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए और ताजे, हेल्दी भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह समय है जब हम अपने खाने के विकल्पों पर गंभीरता से विचार करें और सुविधा के बजाय स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।