दांतों में कैविटी भी बन सकती है खतरनाक कैंसर की वजह, जानें क्या हैं इसके लक्षण

Dental cavity can cause cancer: क्रिस कुक, जो एक ट्रायथलीट हैं, को दांतों में धातु जैसा स्वाद महसूस हुआ, जिसे उन्होंने पुरानी कैविटी समझा. लेकिन बाद में पता चला कि यह ग्लियोब्लास्टोमा (ब्रेन ट्यूमर) का पहला लक्षण था. इलाज के दौरान कुक ने रेडिएशन और कीमोथेरेपी की कई कठिन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद अपनी स्थिति में सुधार देखा.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Dental cavity can cause cancer: 40 वर्षीय ट्रायथलीट क्रिस कुक के लिए जीवन एक संघर्ष बन गया जब उन्हें ग्लियोब्लास्टोमा नामक ब्रेन ट्यूमर का पता चला. कुक को लगा कि उनके मुंह में धातु जैसा स्वाद एक पुरानी कैविटी की वजह से है, लेकिन बाद में पता चला कि यह एक खतरनाक ब्रेन ट्यूमर का संकेत था. उन्होंने अपने इलाज के दौरान रेडिएशन, कीमोथेरेपी और सर्जरी जैसे कड़े उपचार झेले, लेकिन उनका सकारात्मक दृष्टिकोण और परिवार का साथ उन्हें इस कठिन समय से बाहर निकालने में सहायक साबित हुआ. इस घटना ने यह साबित कर दिया कि दांतों की समस्याएं केवल मौखिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि यह गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर का संकेत भी हो सकती हैं.

कुक की कहानी न केवल उनकी संघर्ष की दास्तान है, बल्कि यह भी एक चेतावनी है कि स्वास्थ्य में किसी भी बदलाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए. हम आपको यहां बताएंगे कि कैसे दांतों में कैविटी का संबंध ब्रेन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से हो सकता है, और इसके लक्षण क्या होते हैं.

कैविटी का संबंध ब्रेन कैंसर से

क्रिस कुक को दिसंबर 2022 में एक अजीब सा स्वाद महसूस हुआ था, जिसे उन्होंने एक पुरानी कैविटी का संकेत समझा. हालांकि, बाद में यह पता चला कि यह दरअसल एक गंभीर ब्रेन ट्यूमर ग्लियोब्लास्टोमा (GBM) का पहला लक्षण था. इस प्रकार का ट्यूमर मस्तिष्क में तेजी से फैलता है और इसके कारण व्यक्ति को अजीब स्वाद, मतली और घबराहट जैसे लक्षण हो सकते हैं.

पहले लक्षण और उपचार की शुरुआत

कुक को दौड़ते समय गंदा सा स्वाद और फिर मतली महसूस होने लगी, जिसके बाद वे बेहोश हो गए. अस्पताल में जांच के बाद उन्हें एक गांठ का पता चला, और डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें ग्लियोब्लास्टोमा का सामना करना पड़ेगा. इसके बाद कुक ने सर्जरी और कीमोथेरेपी के माध्यम से इलाज शुरू किया, और छह सप्ताह तक रेडिएशन, 42 दिनों तक कीमोथेरेपी, और फिर 12 महीनों तक हर 28 दिन में कीमोथेरेपी से गुजरना पड़ा.

ग्लियोब्लास्टोमा और इसके खतरनाक प्रभाव

ग्लियोब्लास्टोमा (GBM) मस्तिष्क में होने वाला एक अत्यधिक आक्रामक ब्रेन कैंसर है. यह कैंसर ग्रेड 4 ग्लियोमा के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जो सबसे खतरनाक प्रकार का मस्तिष्क कैंसर है. इस प्रकार के ट्यूमर में मस्तिष्क की कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं, और इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होता है. डॉक्टरों के लिए ट्यूमर को हटाना चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि यह मस्तिष्क के गहरे हिस्सों में फैल सकता है.

कुशल इलाज और निरंतर निगरानी

क्रिस कुक ने इलाज के दौरान कई बाधाओं का सामना किया, लेकिन अंततः मई 2024 में उनका इलाज समाप्त हुआ. उनका एमआरआई रिपोर्ट साफ़ आई है, हालांकि वे अब भी नियमित अंतराल पर स्कैन करवाते रहते हैं. कुक ने अपने डॉक्टरों, परिवार और भगवान का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें इस कठिन यात्रा में सहारा दिया और उन्हें जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद की.

Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.

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04 January 2025, 11:59 PM IST

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