5 Leaves reduced uric acid: खराब लाइफस्टाइल के कारण आजकल युवा उम्र से लोग कई तरह की शारीरिक परेशानियों से जूझने लगते हैं. कुछ युवाओं में कम उम्र से ही हड्डियों में दर्द होना शुरू हो जाता है. कुछ तो गंभीर घुटनों के दर्द से परेशान रहते हैं. दरअसल, घुटनों या हड्डियों के जोड़ों में दर्द तब होता है जब खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है.
सामान्य तौर पर एक हेल्दी व्यक्ति में साढ़े तीन से साढ़े 7 मिलीग्राम तक यूरिक एसिड होता है लेकिन जब इसकी मात्रा इससे बढ़ जाती है तो हड्डियों के जोड़ों में दर्द होने लगता है. जिससे लोगों को चलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
यूरिक एसिड प्यूरिन से बनता है. जब प्रोटीन शरीर में टूटता है तब इसके बायप्रोडक्ट के रूप में प्यूरिन बनता है. प्यूरिन के कारण ही यूरिक एसिड बनता है. यूरिक एसिड जोड़ों के बीच में जमा होकर वहां के कार्टिलेज को खराब करने लगता है. हम यहां कुछ सर्वसुलभ औषधीय गुणों वाली पत्तियों के बारे में बता रहे हैं जिनके चबाने से शरीर में यूरिक एसिड कम हो सकता है और इस कारण घुटनो के दर्द में कमी आ सकती है.
मेथी की पत्तियां
मेथी में यूरिक एसिड को कम करने की क्षमता होती है. मेथी के पत्ते में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर में इंफ्लामेशन को कम करता है. इंफ्लामेशन की वजह से ही घुटनों में सूजन होती है. इसलिए यदि आप मेथी की पत्तियों को चबाएंगे या मेथी के दाने को पानी में भिगो कर पिएंगे तो इससे यूरिक एसिड कम होगा.
धनिया की पत्तियां
धनिया की पत्तियों में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं और इसमें भी एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है. यह सब मिलकर खून से यूरिक एसिड को कम करता है जिसके कारण घुटनों के दर्द से बहुत राहत मिल सकती है.
गिलोय की पत्तियां
गिलोय को गुरुच भी कहा जाता है. कहीं-कहीं इसे अमरबेल भी कहा जाता है. वैसे तो अमरबेल में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं लेकिन घुटनों के दर्द के लिए यह रामबाण है. गुरुच की पत्तियों में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है. अमरबेल की पत्तियों से लेकर इसके तने इसकी जड़ सब काम की चीज है.
पुनर्नवा की पत्तियां
पुनर्नवा की पत्तियों थोड़ी मोटी होती है. इसमें फूल भी लगते हैं. पुनर्नवा किडनी और लिवर को साफ करने में बहुत फायदेमंद होता है. आयुर्वेद के मुताबिक पुनर्नवा की पत्तियों को पीसकर अगर जोड़ों में लगाया जाए तो इससे घुटनों के दर्द से राहत मिलती है.
पान का पत्ता
आयुर्वेद में ये भी दावा किया जाता है कि पान के पत्ते को चबाने से यूरिक एसिड कंट्रोल होता है. पान के पत्ते में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है जो सूजन को सोख लेता है. अगर सुबह में सिर्फ पान के पत्ते को ही चबाया जाए तो दिन भर यूरिक एसिड कंट्रोल रहता है. इस कारण घुटनों के दर्द से राहत मिल सकता है. First Updated : Saturday, 07 September 2024