च्वीइंग गम चबाने के भी हो सकते हैं कई नुकसान, जानें सेहत पर कैसे पड़ता है असर

Chewing gum health risks: च्युइंग गम चबाने से ताजगी मिलती है, लेकिन अधिक चबाने से दांतों और आंतरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. गम में मौजूद चीनी, आर्टिफिशियल स्वीटनर्स और अन्य सामग्री से कैल्शियम की कमी हो सकती है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Chewing gum health risks: च्युइंग गम चबाना आमतौर पर ताजगी और मानसिक शांति के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अत्यधिक गम चबाने से आपकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है? गम में मौजूद चीनी, आर्टिफिशियल स्वीटनर्स और अन्य सामग्री दांतों की सेहत से लेकर आंतरिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकती है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि च्युइंग गम के दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं और इसे लेकर हमें किन सावधानियों का पालन करना चाहिए.

आज हम यह समझेंगे कि क्या च्युइंग गम चबाने से शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है और इसके अलावा इससे जुड़ी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं क्या हो सकती हैं. गम के विभिन्न प्रकार और उनके प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्त करें और जानें कि इनसे बचने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं.

क्या च्युइंग गम चबाने से कैल्शियम की कमी होती है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि च्युइंग गम चबाने से कैल्शियम की कमी नहीं होती है. दरअसल, जब आप गम चबाते हैं तो मुंह में लार का उत्पादन बढ़ता है. लार में कैल्शियम और फॉस्फेट्स होते हैं, जो दांतों की सड़न को रोकने और इनेमल को मजबूत करने में मदद करते हैं. लार के द्वारा यह तत्व दांतों के इनेमल पर जमा हो सकते हैं और इसे पुनः मजबूत बना सकते हैं. कुछ च्युइंग गम में कैल्शियम के स्रोत जैसे कैल्शियम साइट्रेट, कैल्शियम लैक्टेट और कैल्शियम ट्राइफॉस्फेट होते हैं, जो शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं. हालांकि, कुछ शुगर-फ्री गम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण उत्पन्न कर सकते हैं, इसलिए इनका सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए.

च्युइंग गम के दुष्प्रभाव

च्युइंग गम चबाने के कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जो आपके स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं. अत्यधिक चबाने से दांतों में सड़न, पल्पिटिस, पल्प नेक्रोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा, एक ही तरफ से गम चबाने से दांतों में असंतुलन हो सकता है, जो TMJ जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है.

दांतों की समस्याएं और मसूड़ों की बीमारी

च्युइंग गम चबाने से दांतों में सड़न, कैविटी और मसूड़ों की बीमारी हो सकती है. विशेष रूप से, जब आप गम को ज्यादा देर तक चबाते हैं, तो इससे दांतों के इनेमल पर दबाव पड़ सकता है, जिससे यह कमजोर हो सकता है.

TMJ और जबड़े की समस्याएं

अगर आप एक ही तरफ से च्युइंग गम चबाते हैं तो इससे आपके जबड़े की मांसपेशियों में असंतुलन हो सकता है, जिसके कारण TMJ (Temporomandibular Joint) जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इसके लक्षणों में चबाने पर दर्द, कान में दर्द, दांतों में दर्द और सिरदर्द शामिल हो सकते हैं.

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण

बहुत जोर से या बहुत देर तक च्युइंग गम चबाने से गैस, पेट फूलना, सीने में जलन और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके कारण आप ज्यादा हवा निगल सकते हैं, जो चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (IBS) जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है.

अमलगम फिलिंग और पारा

च्युइंग गम चबाने से अगर आपके दांतों में अमलगम फिलिंग है, तो यह पारा रिलीज कर सकता है. पारा का उच्च स्तर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, मानसिक विकार और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है.

तंबाकू और कैंसर का जोखिम

च्युइंग गम में तंबाकू के तत्व जैसे निकोटीन और अन्य रसायन हो सकते हैं, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. इसलिए च्युइंग गम का चयन करते समय तंबाकू के तत्वों से बचना चाहिए.

दुष्प्रभावों को कम करने के उपाय

च्युइंग गम के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए, इसे प्रतिदिन 15 मिनट से कम समय तक चबाएं और चीनी रहित गम का उपयोग करें. यदि आपको TMJ जैसी समस्या है, तो आपको च्युइंग गम से पूरी तरह बचना चाहिए.

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03 January 2025, 11:18 PM IST

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