Cooling Solutions: एयर कूलर खरीदने जा रहे हैं, क्या आपको इन जरूरी बातों के बारे में पता है

यदि आप भी एयर कूलर खरीदने की सोच रहे हैं तो इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। एयर कूलर की खरीदारी से जुड़े ये टिप्स आपको उपयुक्त कूलर चुनने में तो मदद करेंगे ही, वहीं आपके रुपयों की भी बचत होगी।

Abhishek Sharma
Abhishek Sharma

हाइलाइट

  • उपयोग के हिसाब से यह पर्सनल कूलर, टॉवर कूलर, विण्डो कूलर और डेजर्ट कूलर की कैटेगिरी में आते हैं।

तपते मौसम में गर्मी से राहत पाने और कूलिंग के लिए इन दिनों एसी और एयर कूलर की जमकर खरीदारी हो रही है। ठंडक भरी राहत के लिए एयर कूलर एक किफायती विकल्प है। इसका इस्तेमाल और मेंटेनेंस काफी आसान है। यदि आप भी एयर कूलर खरीदने की सोच रहे हैं तो इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। एयर कूलर की खरीदारी से जुड़े ये टिप्स आपको उपयुक्त कूलर चुनने में तो मदद करेंगे ही, वहीं आपके रुपयों की भी बचत होगी।

मार्केट में हर तरह की जरूरत और स्थान के हिसाब से विभिन्न आकार और सुविधाओं के साथ कूलर के मॉडल उपलब्ध हैं। ये कूलर लोहे या प्लास्टिक की बॉडी में और अलग-अलग वॉटर कैपेसिटी के साथ आते हैं। वहीं, उपयोग के हिसाब से यह पर्सनल कूलर, टॉवर कूलर, विण्डो कूलर और डेजर्ट कूलर की कैटेगिरी में आते हैं।

पर्सनल कूलरों को छोटे कमरों के लिए डिजाइन किया जाता है। ये आकार में छोटे होते हैं और इन्हें आसानी से कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है। ये पर्सनल कूलर 150 वर्गफुट तक के ऑफिस केबिन, शॉप, स्टडी रूम के लिए अधिक उपयुक्त हैं।   इनकी वॉटर फिलिंग कैपेसिटी 30 लीटर तक होती है।

मध्यम आकार के यानी 150 वर्गफुट से 300 वर्गफुट तक के कमरों के लिए टॉवर कूलर या विण्डो कूलर बेस्ट होते हैं। टॉवर कूलर वर्टिकली हवा फेंकते हैं और बड़े क्षेत्र को काफी कम समय में ठंडा कर सकते हैं। विण्डो कूलर सामान्यत: घर के बाहर खिड़की में लगाए जाते हैं। चूंकि ये घर के बाहर लगे होते हैं, इसलिए धूल, कचरा, जंग का इन पर असर पड़ता है और इन्हें अधिक मेंटेनेंस की जरूरत होती है। इनमें कूलिंग के लिए खस, नेट, हनीकॉम्ब पेड्स का ऑप्शन काफी होता है। इन दोनों ही कूलर्स में 40 से 55 लीटर तक की वॉटर फिलिंग कैपेसिटी के ऑप्शन आते हैं।

300 वर्गफुट से अधिक क्षेत्र में कूलिंग के लिए डेजर्ट कूलर का इस्तेमाल किया जाता है। जहां इनका फैन हाईस्पीड और हैवीड्यूटी होता है, वहीं वाटर फिलिंग कैपेसिटी भी 75 से 110 लीटर तक होती है। डेजर्ट कूलर्स को उन स्थानों पर अधिक उपयोग में लिया जाता है, जहां तापमान अधिक होता है और आर्द्रता कम होती है। ये कूलर गर्मी को पानी की फुहारें फेंकते हुए ठण्डा करते हैं।

कूलर खरीदते समय इन बातों का भी ध्यान रखें

▪️ कमरे के आकार, लंबाई और ऊंचाई का ध्यान रखें। कमरे में सीधी धूप आती हो तो अधिक कैपेसिटी का कूलर खरीदें।
▪️ जहां आप कूलर लगाएंगे, वहां आर्द्रता का स्तर भी जांच लें। कूलर कमरे के अंदर लगाएंगे या बाहर की ओर खिड़की में, उसी अनुसार कूलर खरीदें।
▪️ कूलर में लगने वाली फैन मोटर की पॉवर और क्वालिटी की जानकारी जरूर करें।
पर्सनल और टॉवर कूलर में हनीकॉम्ब पेड्स के साथ आने वाले कूलर को प्राथमिकता दें, ताकि कूलर का पानी बाहर न निकले।
▪️ कूलर की वाटर फिलिंग यानी टैंक कैपेसिटी जरूर जांच लें, ताकि बार-बार पानी भरने की समस्या न रहे। यदि कूलर ऑटो वॉटर फिल फीचर वाला लिया जाए तो इसे वाटर पाइप से सीधे जोड़कर पानी भरने की ड्यूटी से फ्री हो सकते हैं।
▪️ एयर कूलर खरीदने से पहले यह जरूर चेक करें कि बॉडी में बाइब्रेशन कितना है और वह कितनी तेज आवाज कर रहा है। शोर का यह फैक्टर विण्डो कूलर में तो अधिक महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन इनडोर कूलर में बहुत अधिक मायने रखता है। आप यह जांचने के लिए फैन को मैक्सिमम स्पीड में चलाकर जांच सकते हैं।
▪️ कई कूलर इनवर्टर टेक्नोलॉजी के साथ आते हैं, ये बिजली की खपत कम करते हैं। वहीं कुछ कूलर्स इनवर्टस से भी ऑपरेट किए जा सकते हैं।
▪️ इसके अलावा कूलर कई एड ऑन फीचर्स जैसे रिमोट कंट्रोल, एंटी मॉस्किटो, डस्ट फिल्टर, आईस चेंबर के साथ भी आते हैं, जिन्हें आप अपनी सुविधा के अनुसार चुन सकते हैं।

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28 April 2023, 09:16 PM IST

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