पिछले 7 वर्षों में, मानसून के दौरान डेंगू का प्रकोप अधिक आम हो गया है. 2024 कोई अपवाद नहीं है. पिछले दो सालों में पूजा के साथ ज्यादती शुरू हो गई. लेकिन इस साल मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में डेंगू के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले साल 1 लाख 7 हजार लोग डेंगू से प्रभावित हुए थे.
इस साल तीन जुलाई को ही राज्य में डेंगू के मामलों की संख्या दो हजार के पार हो गयी. मानसून अभी बाकी है. लेकिन मच्छर अपना खेल दिखा सकता है. यदि आप सावधान नहीं रहे तो खतरा बढ़ सकता है.
मच्छर रुके हुए पानी में अंडे देते हैं. वहां से 7-10 दिनों के भीतर मच्छरों का घनत्व बढ़ जाता है. यदि कही आधा इंच भी पानी जमा है, तो मच्छरों का लार्वा वहां जमा हो सकता है. इसलिए चाय के बर्तन, खुले डिब्बे, लावारिस टायर, टूटे हुए कंटेनर, पैकेट, प्लास्टिक के कप या ढक्कन, गिलास, अप्रयुक्त बाल्टियां, मग, ट्रिपलेट्स, पानी वाले टब को फेंक दें.
ध्यान रखें कि रेफ्रिजरेटर ट्रे में पानी से भी डेंगू के मच्छर पैदा हो सकते हैं. अपने घर के अंदर या बाहर कूड़ा-कचरा, जमा पानी साफ करें. साथ ही रात में मच्छरदानी लगाकर सोएं. यह आपको डेंगू से बचा सकता है.
डेंगू में प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है. आंतरिक रक्तस्राव की संभावना है. ऐसी स्थितियों से बचने के लिए शुरू से ही जागरूक रहना जरूरी है. अगर आपको डेंगू है तो आपको बुखार भी होगा. और अगर आपको बुखार है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. यदि बुखार आने के 7 दिन बाद तक बुखार रहे तो एनएस-1 टेस्ट कराएं. बुखार आने के 5-9 दिन बाद आईजीएम टेस्ट कराएं.
बुखार आने के कम से कम 14 दिन बाद आईजीजी टेस्ट कराना चाहिए. अगर शुरुआती चरण में ही डेंगू का पता चल जाए तो शरीर में होने वाली जटिलताओं से बचना संभव है. ज्यादातर मामलों में, 80 प्रतिशत लोग इलाज से डेंगू से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं. बस समय पर डॉक्टर के पास जाएं और ब्लड टेस्ट करवाएं. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ताजी सब्जियां और फल खाएं. और खूब पानी पियें. First Updated : Monday, 08 July 2024