खुद ही मापें शुद्धता: ये तरीके जान गए तो मिलावटी मिठाइयों से बच जाएंगे
Diwali 2024: भारत में त्योहारों के मौकों पर मिठाइयों की खपत बढ़ जाती है. खासकर दिवाली के मौके पर तो और भी ज्यादा खपत होती है. ऐसे में मिलावट भी बढ़ जाती है जो सेहत के लिए हानिकारक है. आइये जानें मिलावट से बचने के उपाय.
मिठाइयों में मिलावट
भारत में त्योहारों के मौसम में मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है. हर त्योहार पर मिठाइयों का महत्व बढ़ता है, लेकिन मिठाइयों की शुद्धता पर संदेह भी रहता है. त्योहारों के दौरान मिलावटी घी, मावा और डेयरी उत्पादों की खबरें आम हो जाती हैं, जिससे स्वास्थ्य को खतरा होता है.
कैसे पता लगाएं
पनीर, मावा और मिठाइयों में मिलावट का पता लगाकर आप अपनी सेहत को खराब होने से बचा सकते हैं. आइये जानें मिलावट का पता कैसे लगाएं.
कैसे होती है मिठाइयों में मिलावट?
मिठाइयों को अधिक समय तक संरक्षित रखने के लिए उनमें केमिकल्स और तेल मिलाए जाते हैं. इसके अलावा, मावा और दूध से बने उत्पादों में स्टार्च या अन्य सस्ते विकल्प मिलाए जाते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि बाजार में नकली मावा और मिलावटी मिठाइयों की पहचान करना अब जरूरी हो गया है.
मावा में मिलावट का पता कैसे लगाएं?
फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, मावा में मिलावट के लिए स्टार्च और मिल्क फैट को निकाल कर सस्ते तेल का उपयोग होता है. मावा की शुद्धता जांचने के लिए आप आयोडीन सॉल्यूशन का उपयोग कर सकते हैं, जिससे मिलावट का पता लगाया जा सकता है.
पनीर में मिलावट के खतरे
मिलावटी पनीर में शैंपू और तेल का उपयोग होता है, जिससे उसकी चिकनाई और आकार पनीर जैसा दिखता है. इसमें डिटर्जेंट मिलाकर उसे खाने योग्य बनाया जाता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.
मिठाइयां खरीदते समय रखें सावधानियां
मिठाइयां खरीदते समय उनकी सफाई और दुकान की हाइजीन का विशेष ध्यान रखें. चटकीले रंगों वाली मिठाइयों से बचें और पैकिंग पर FSSAI की मार्किंग अवश्य देखें.
मिलावटी मिठाई खाने से स्वास्थ्य पर प्रभाव
मिलावटी मिठाई से पेट, किडनी, लिवर और हार्ट पर बुरा असर पड़ सकता है. डॉक्टरों के अभिनव गुप्ता के अनुसार, इससे पेट दर्द, उल्टी, दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए मिलावटी मिठाई से बचना और अधिक पानी पीना ही बेहतर उपाय है.