कहीं होली के रंगों से आपका चेहरा भी ना हो जाए खराब? ऐसे करें असली और नकली गुलाल की पहचान
होली के दौरान मिलावटी और केमिकल वाले रंगों से बचना बेहद जरूरी है, क्योंकि ये स्किन एलर्जी और अन्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं. इसलिए आपको असली और नकली रंगों की पहचान होनी चाहिए, ताकि सुरक्षित तरीके से इस त्योहार को मना सके. होली के लिए हर्बल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें और त्वचा पर जलन होने पर तुरंत पानी से धोकर डॉक्टर से सलाह लें.

होली का त्योहार रंगों और खुशियों का प्रतीक है, जिसे हर साल देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन त्योहार के रंग में तब भंग पड़ जाता है जब आपके चेहरे पर मिलावटी और केमिकल रंगों का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके बाद स्किन संबंधी समस्याएं सामने आने लगती हैं. मार्केट में मिल रहा नकली कलर ना केवल आपकी स्किन को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि कई गंभीर एलर्जी का कारण भी बन सकता हैं. ऐसे में बेहद जरुरी हो जाता है कि रंग खरीदते समय उसकी शुद्धता की पहचान की जाए. आइए जानते हैं कि असली और नकली रंगों की पहचान कैसे करें.
ज्यादा चमकीले रंगों से रहें सतर्क
अगर होली के रंग बहुत ज्यादा चमकदार और गहरे दिख रहे हैं, तो सावधान हो जाइए! आमतौर पर ऐसे रंगों में मरकरी सल्फाइड, बारीक रेत और कांच का पाउडर मिलाया जाता है. लेकिन ये रंग त्वचा पर लगने के बाद जलन, खुजली और एलर्जी जैसी समस्याओं को पैदा कर सकते हैं. इसलिए हमेशा हल्के और नैचुरल रंगों का ही चुनाव करें.
छूकर करें रंगों की पहचान
रंग खरीदते समय उसे अपने हाथों में लेकर महसूस करें. अगर रंग बहुत ज्यादा चिकना या फिर जरूरत से ज्यादा रूखा लगे, तो समझ लें कि इसमें सिंथेटिक केमिकल्स की मिलावट हो सकती है. प्राकृतिक गुलाल का टेक्सचर ना तो ज्यादा चिकना होता है और ना ही ज्यादा खुरदुरा. इसलिए खरीदने से पहले इसका टच टेस्ट जरूर करें.
सूंघकर करें मिलावट की जांच
रंगों में मिलावट की पहचान करने का ये सबसे आसान और असरदार तरीका है. खरीदने से पहले गुलाल को हथेली पर लेकर सूंघें. अगर इसमें पेट्रोल, मोबिल ऑयल, केरोसिन या किसी तेज सुगंध वाली केमिकल की गंध आ रही हो, तो इसे लेने से बचें.
कैसे करें होली पर सुरक्षित रंगों का चयन?
- हर्बल और ऑर्गेनिक रंगों का ही इस्तेमाल करें.
- घर पर हल्दी, चंदन और फूलों से बने प्राकृतिक रंगों को प्राथमिकता दें.
- बच्चों और संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के लिए सिंथेटिक रंगों से पूरी तरह बचें.
- अगर रंगों की वजह से जलन या एलर्जी महसूस हो, तो तुरंत स्किन को साफ पानी से धो लें और डॉक्टर से सलाह लें.
रंगों के बिना होली अधूरी लगती है, लेकिन सभी के लिए सेहत से बड़ा कुछ नहीं हैं. मिलावटी रंगों से सावधान रहें और केवल सुरक्षित, हर्बल और नैचुरल रंगों का ही इस्तेमाल करें, ताकि ये त्योहार आपके लिए यादगार और सुरक्षित बन सके.